सड़कें कच्ची और नालों का फुल रहा दम, जलजमाव ने बढ़ाया दर्द
समस्तीपुर नगर निगम के वार्ड-40 में लोग पानी, सफाई, और विकास की कमी से परेशान हैं। यहां की लगभग 80% आबादी बोतल बंद या जार वाले पानी पर निर्भर है। वार्ड पार्षद विकास कार्यों में असफल रहे हैं, जिसके कारण...
समस्तीपुर नगर निगम के वार्ड-40 में करीब आधा दर्जन मोहल्ले आते हैं। इसकी आबादी करीब 10 हजार के आसपास होगी। इस वार्ड के लोगों को कहना है कि नगर निगम सिर्फ टैक्स वसूलने में लगा रहता है। अब तक लोगों को शुद्ध पेजयल की व्यवस्था नहीं करा पाया है। लोगा जार वाली पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं। वार्ड में नियमित रूप से सफाई की व्यवस्था नहीं हुई है। कई दिनों तक कचरे का अंबार लगा रहता है। इस कारण बदबू आती रहती है। इस कारण मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। बारिश में लोगों को घर से निकलना मुश्किल रहता है।
वार्ड पार्षद विकास कार्य कराने में नाकाम है। समस्तीपुर नगर निगम के वार्ड 40 के आदर्श नगर व भुईधारा में स्ट्रीट लाइट नहीं है। जलनिकासी की सुविधा नहीं होने से बरसात के दिनों में जलजमाव यहां की बड़ी समस्या है। अधिकतर पीसीसी सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। यह मोहल्ला नव अधिग्रहित क्षेत्र में आता है। तीन साल पहले यह मोहल्ला ग्रामीण क्षेत्रों में आता था। इसके बाद इसे नगर निगम में शामिल किया गया। वहीं वार्ड 40 के तहत करीब एक दर्जन मोहल्ला में इसमें शामिल हुआ। इसके बाद भी शाम होते ही यह मोहल्ला अंधेरे में डूब जाता है, जबकि इस मोहल्ले के 60 फीसदी घरों में किराए पर रहकर दूर दराज के बच्चे पठन-पाठन करते हैं। इसका मुख्य कारण बगल में कई कॉलेज व शिक्षण संस्थान का होना है। ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं होने से बरसात का पानी यहां के लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है। कूड़े-कचरे और टूटे-फूटे थर्मोकोल से अगल-बगल का क्षेत्र पट जाता है। छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी समय पर कॉलेज जाने में होती है। कॉलोनीवासी महेन्द्र दास, मो. इसा, अमीत चौधरी ने बताया कि भुईधारा शहर से सटा हुआ वार्ड है। तीन वर्ष पहले इसे निगम में शामिल किया गया है। हर घर जल नल की व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। बोतल बंद पानी और जार के पानी के सहारे यहां की 80 फीसदी आबादी निर्भर है। अधिकांश सरकारी चापाकल खराब पड़े हैं। सड़कों का हाल भी खराब है। वार्ड पार्षद वार्ड में कोई भी काम कराने में पूरी तरह से फेल है। इसी का नतीजा है कि वार्ड में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। बस स्टैंड से सोनवर्षा चौक होते हुए या बीआरबी कॉलेज से आजाद नगर होते हुए भुईधारा में प्रवेश करने पर अब भी ग्रामीण परिवेश ही दिखाई देता है। नीतेश कुमार सिन्हा, बबलू ठाकुर ने कहा कि मोहल्ले में फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। कहने के लिए हम लोग नगर निगम में हैं, लेकिन सुविधा के मामले में ग्रामीण क्षेत्र से भी बदतर स्थित मोहल्लेवासियों की है। गर्मी के मौसम में तो और परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसके निदान को लेकर किसी भी स्तर पर प्रयास तक नहीं हो रहा है। शहरी जलापूर्ति योजना अभी तक शुरू नहीं हुई है। हल्की बारिश में नालियों का पानी सड़क पर लग जाता है। नियमित साफ-सफाई का भी अभाव है। सबसे ज्यादा परेशान मॉर्निंग वॉक के समय लोगों को होती है। पूरा क्षेत्र में अंधेरा होने के कारण सुबह में टहलने में लोगों को परेशानी होती है। मोहल्लेवासियों का मानना है कि इस क्षेत्र के विकास के लिए जितनी राशि चाहिए। उतनी राशि नगर निगम द्वारा उपलब्ध नहीं करायी जाती है। इसके कारण इस मोहल्ले का विकास नहीं हो रहा है। इसके लिए विशेष योजना की जरूरत है। मुकेश कुमार व साजन साह ने कहा कि वार्ड में कई भूखंड खाली है। इन प्लाट में लंबी घास और भांग के पौधे खड़े है। इनमें नशेड़ी दिनभर इंजेक्शन आदि का नशा करते हैं। विरोध करने पर गाली गलौज और मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। यही नहीं एनएच पर जाने को लेकर बाइपास के रास्ते का प्रयोग भुईधारा के रास्ते से ही होता है। वाहनों की आवाजाही से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वार्डवासियों ने कई बार पार्षद, निगम प्रशासन और विधायक चीमा से शिकायत की पर कोई सुनवाई नहीं हुई। बोले-जिम्मेदार सभी वार्ड का विकास किया जा रहा है। सीमित संसाधनों में काफी बेहतर करने का प्रयास किया गया है। नये वार्ड में समस्याएं ज्यादा है। इसके निदान को लेकर प्रयारत है। जल्द ही सभी समस्याओं का निदान हो जाएगा। केडी प्रौज्ज्वल, नगर आयुक्त
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