Rising Temperature in Samastipur Causes Disruption in Daily Life 42 डिग्री के पार पहुंचा तापमान, Samastipur Hindi News - Hindustan
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42 डिग्री के पार पहुंचा तापमान

समस्तीपुर में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। पिछले 24 घंटे में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। लोग गर्मी से बचने के लिए छाते और सूती कपड़े का सहारा ले...

Newswrap हिन्दुस्तान, समस्तीपुरSun, 27 April 2025 02:54 AM
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42 डिग्री के पार पहुंचा तापमान

समस्तीपुर। जिले के तापमान में लगातार हो रही वृद्धि से जनजीवन हलकान है। पिछले 24 घंटे में तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। शुक्रवार को जिले का अधिकतम तापमान 42 के आसपास रहा। वहीं न्यूनतम तापमान भी 24 डिग्री सेल्सियस रहा। 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उष्ण लहर चली। 11 बजे ही सड़कों से लेकर चौक बाजारों पर दोपहर में अघोषित कफ्र्यू जैसा नजारा दिखा। तेज धूप व गर्म हवा के थपेड़ों से जरूरी काम को लेकर भी लोग निकलने से पहले कई दफे सोचने को मजबूर है। मजबूरी में जिन्हें घर से निकलना भी पड़ता है तो वे छाते व सूती कपड़े से चेहरा ढक कर ही निकलते हैं। ऐसे में बिजली की आंख मिचौनी भी लोगों की परेशानी को और बढ़ा देती है। दिन में जैसे ही गर्मी बढ़ती है बार बार बिजली का आना जाना शुरू हो जाता है। तेज धूप से ज्यादा प्रभावित खासकर स्कूली बच्चे हो रहे हैं। अधिकांश निजी विद्यालयों में दोपहर दो बजे के आसपास ही छुट्टी होती है। ऐसे में स्कूली बच्चे पसीने तर बतर होकर अपने घरों की ओर निकलते हैं। बता दें कि पिछले पांच दिनों से मौसम ने अपना मिजाज बदला है। तेज धूप के कारण राहगीरों को पैदल चलने में भी काफी परेशानी होती है। कुछ दूर चलने के बाद ही लोगों की नजरें छांव की तलाश में इधर उधर भटकने लगती है। शहरी क्षेत्र होने के कारण अब तो लोगों को पेड़ों की छांव भी मयस्सर नहीं हो रहा है। फिर भी लोग दुकानों व घरों की छांव में कुछ पल रूक कर अपने गंतव्य की ओर चल पड़ते हैं। लोगों की मानें तो वे अक्सर समस्तीपुर की तुलना बड़े शहरों से करने लगते हैं। उनका कहना है कि बड़े शहरों में तो जगह जगह प्याउ की भी व्यवस्था रहती है जिससे लोग अपनी प्यास बुझा लेते हैं लेकिन यहां तो इसकी भी कहीं कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में लोग शील्ड पैक पानी की बोतल पर ही निर्भर हैं। मौसम के मिजाज को देखते हुए समय समय पर आपदा प्रबंधन के द्वारा अलर्ट भी जारी किया जाता है। कुछ ऐसी ही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जी उत्पादक किसानों की भी है। काफी मशक्कत से वे हरी साग सब्जियों की फसल तो उगा लेते हैं लेकिन उनकी फसलें तेज धूप की भेंट चढ़ जाती है। कई किसान तो मौसम के मिजाज को देख अपनी फसल को बचाने के लिए शाम होते ही पंपसेट लेकर खेतों की ओर निकल पड़ते हैं।

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