पूरी रात परसा में पुलिस रेड, 30 नाबालिग डांसर मिलीं, सात ऑर्केस्ट्रा संचालक गिरफ्तार, कई फरार
- बिहार में शादी और दूसरे सार्वजनिक समारोह में ऑर्केस्ट्रा और उसमें भी भड़काऊ डांस करने वाली लड़कियों का चलन कई जिलों में फैल चुका है।

बिहार में शादी, जनेऊ, जन्मदिन और दूसरे सार्वजनिक समारोहों में ऑर्केस्ट्रा के बढ़ते चलने के बीच सारण पुलिस ने रविवार की पूरी रात परसा इलाके में जगह-जगह रेड मारकर 30 नाबालिग लड़कियों को बरामद किया है। ये लड़कियां ऑर्केस्ट्रा के मंच पर डांस करती हैं। पुलिस ने रेड के दौरान सात ऑर्केस्ट्रा संचालकों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि कई फरार हो गए। रेड में छुड़ाई गईं लड़कियों को वापस उनके घर भेजा जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार परसा थाना क्षेत्र में दिल्ली से आई मिशन मुक्ति फाउंडेशन की टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापेमारी की। अभियान में 30 नाबालिग नर्तकियों को मुक्त कराया गया है। इस दौरान पुलिस रेड की भनक लगते ही कई संचालक भागने में कामयाब रहे। पुलिस ने सात आर्केस्ट्रा संचालकों को हिरासत में लिया है।
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परसा थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि आर्केस्ट्रा संचालक अलग-अलग राज्यों से नाबालिग लड़कियों को लाकर आर्केस्ट्रा का धंधा करवाते हैं। इसके खिलाफ दिल्ली से आई मुक्ति मिशन की टीम ने पुलिस का सहयोग लेकर छापामारी की। जिला मुख्यालय से रेड के लिए पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस बल भी मंगवाई गई थी। सबके सहयोग से पूरी रात छापेमारी अभियान चलाया गया जिसमें 30 नाबालिग नर्तकियों को मुक्त कराया। थानाध्यक्ष ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने सात आर्केस्ट्रा संचालकों को हिरासत में लिया हैं। इन सबके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि एसपी इस मसले पर पीसी करेंगे जिसके बाद पकड़े गए आर्केस्ट्रा संचालकों को कोर्ट में पेश करके जेल भेजा जाएगा।
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छपरा, सीवान, गोपागंज समेत बिहार के कई जिलों में इस तरह के ऑर्केस्ट्रा काफी संख्या में खुल गए हैं। अकेले छपरा में इस तरह के 40 से ज्यादा ऑर्केस्ट्रा चल रहे हैं। बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल या दूसरे प्रदेशों से 2 लाख से 5 लाख रुपये हर साल की कमाई का लाच देकर दलालों की मदद से गरीब परिवार की बच्चियों को ऑर्केस्ट्रा के लिए लाया जाता है। कोई लड़की कैसी दिखती है और कैसा डांस करती है, इससे सालाना डील की रकम तय होती है। कार्यक्रमों के दौरान दर्शक जो बख्शीश देते हैं, उसकी आधी रकम इन्हें ऑर्केस्ट्रा के मालिक को देनी पड़ती है।
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सूत्रों का कहना है कि कई बार मां-बाप पैसे के लालच में लड़कियों को ऑर्केस्ट्रा में भेज तो देते हैं लेकिन बाद में वो कमाई नहीं होती जिसका वादा करके उनकी बेटी को संचालक ले जाते हैं। ऐसे में लड़कियों को वापस बुलाने के लिए परिवार वाले ही महिला संगठनों के पास शिकायत करते हैं और ठिकानों की खबर दे देते हैं। अक्टूबर में भी सारण के ही अमनौर और मकेर में 31 लड़कियों को छुड़ाया गया था। इससे पहले सितंबर में भी नगरा थाना में 6 लड़कियां मुक्त कराई गई थीं।