जांच किए बगैर कार्रवाई किए जाने का शिक्षकों ने जताया विरोध
(युवा पेज) किये बगैर ही यह कार्रवाई की गई है। शिक्षकों ने बताया कि मध्य विद्यालय विशोडिहरी में छह शिक्षकों प्रधानाध्यापिका मीना कमारी

करगहर, एक संवाददाता। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा ई- शिक्षा कोष ऐप से शिक्षकों के फर्जी हस्ताक्षर दर्ज करने के विरुद्ध की गई कार्रवाई को शिक्षकों ने एक पक्षीय तथा भावना से ग्रसित होकर लिया गया निर्णय बताया है। बताया नेटवर्किंग और ऐप में हुई गड़बड़ी की जांच किये बगैर ही यह कार्रवाई की गई है। शिक्षकों ने बताया कि मध्य विद्यालय विशोडिहरी में छह शिक्षकों प्रधानाध्यापिका मीना कमारी, अनुरागिनी कुमारी, सृष्टि कुमारी,जीतेंद्र प्रसाद, ज्योति कुमारी और रवीन्द्र कुमार पाठक पदास्थापित हैं। ई शिक्षा कोष ऐप से उपस्थिति दर्ज करने पर लोकेशन 1000 मीटर पहले दिखा रहा है। जबकि गूगल ऐप पर उपस्थित दिख रहा है।
शिक्षकों ने ई-शिक्षा कोष ऐप पर उपस्थिति दर्ज नहीं होने की लिखित आवेदन विगत कई माह पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी से दी थी, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। समस्या के समाधान के लिए स्थानीय स्तर पर शिक्षकों की समस्याओं को नहीं सुना गया। अचानक ई शिक्षा कोष ऐप पर फर्जी हस्ताक्षर का आरोप लगा स्पष्टीकरण देने तथा वेतन बंद करने का आदेश दे दिया गया। वहीं लोजपा के पूर्व प्रत्याशी राजीव रंजन टुटुल ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी की यह कार्रवाई गलत मंशा को उजागर करती है। स्पष्टीकरण और वेतन रिलीज करने के नाम पर जिला शिक्षा कार्यालय में प्रति शिक्षक 20 हजार की वसूली की जा रही है। बताया कि कार्यालय के एक बाबू ने बताया कि 101 शिक्षकों से वसूले जाने वाले 20 लाख रुपए प्रदेश तक पहुंचाना है। कहा शिक्षकों से दोहन पर रोक नहीं लगाई गई तो जिला शिक्षा कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर तालाबंदी करेंगे। वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार राम ने बताया कि ई शिक्षा कोष ऐप से उपस्थिति दर्ज नहीं होने की शिकायत के आलोक में जिला शिक्षा कार्यालय से जांच के लिए उन्हें कोई आदेश नहीं मिला है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।