राजपूतों की उपेक्षा पर भाजपा नेता ने जतायी नाराजगी
भाजपा के प्रदेश सह-कोषाध्यक्ष आशुतोष शंकर सिंह ने राजपूत समाज की अनदेखी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि राजपूत समाज भाजपा और एनडीए के साथ मजबूती से खड़ा है, फिर भी उन्हें राजनीतिक भागीदारी से वंचित...
सीतामढ़ी, एक प्रतिनिधि। भाजपा में राजपूत समाज की अनदेखी पर भाजपा के प्रदेश सह-कोषाध्यक्ष और युवा राजपूत नेता आशुतोष शंकर सिंह ने गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने रविवार को कोईरिया पिपा स्थित आवास पर प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा कि राजपूत समाज लंबे समय से केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर भाजपा और एनडीए गठबंधन के साथ मजबूती से खड़ा है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें राजनीतिक भागीदारी से लगातार वंचित किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह उपेक्षा जारी रही तो राजपूत समाज भविष्य में भाजपा से दूरी बना सकता है। वर्तमान में बिहार से भाजपा के तीन राजपूत सांसद हैं, लेकिन किसी को केंद्र सरकार में मंत्री पद नहीं दिया गया।
वहीं राज्य सरकार में 17 विधायक और 04 विधान पार्षद होने के बावजूद न तो उपमुख्यमंत्री पद दिया गया और न ही कोई बड़ा मंत्रालय सौंपा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि नल-जल जैसे छोटे विभाग देकर राजपूत नेताओं के कद को सीमित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने हाल ही में घोषित संवर्ण आयोग में अध्यक्ष पद से राजपूतों को वंचित किए जाने और प्रदेश भाजपा टीम में लगातार तीसरी बार महामंत्री जैसे अहम पदों पर राजपूत कार्यकर्ताओं की अनदेखी किए जाने पर भी नाराजगी जताई। आशुतोष शंकर सिंह ने भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व से आग्रह किया कि वे राजपूत समाज को उसकी जनसंख्या और योगदान के अनुरूप सम्मानजनक हिस्सेदारी दें। उन्होंने समाज के वरिष्ठ नेताओं से भी अपील की कि वे एकजुट होकर नेतृत्व से इस मुद्दे पर गंभीर वार्ता करें। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि भविष्य में किसी नेता की जयंती या पुण्यतिथि मनाने वाला भी न बचे।
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