सदर अस्पताल में भी अब दूरबीन विधि से होगी मरीजों की सर्जरी
सीतामढ़ी के सदर अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा तकनीक से सुसज्जित लेप्रोस्कोपी यूनिट की स्थापना की गई है। यह पहल जिला स्वास्थ्य समिति और पिरामल टीम के सहयोग से हुई है। अब मरीज बिना चीर-फाड़ के सर्जरी का...

सीतामढ़ी। जिला प्रशासन की सकारात्मक पहल के परिणामस्वरूप सदर अस्पताल सीतामढ़ी में आधुनिक चिकित्सा तकनीक से सुसज्जित लेप्रोस्कोपी यूनिट की स्थापना की गई है। यह पहल जिला स्वास्थ्य समिति और पिरामल टीम के सहयोग से पूरी की गई है। इस यूनिट की शुरुआत से अब मरीजों को बिना चीर-फाड़ के सर्जरी की सुविधा मिल सकेगी, जिससे न केवल इलाज में आसानी होगी, बल्कि मरीजों की रिकवरी भी तेज़ होगी। इस पहल को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। क्योंकि अब तक ऐसी उन्नत सुविधाएं केवल निजी बड़े अस्पतालों में ही उपलब्ध थीं। लेकिन अब आम नागरिक भी इस सुविधा का लाभ सरकारी व्यवस्था के अंतर्गत ले सकेंगे, वह भी पूरी तरह नि:शुल्क या बेहद कम खर्च में हो सकेगी।
कोकन रेलवे का योगदान: इस यूनिट की स्थापना में कोकन रेलवे कॉरपोरेशन ने भी अपने सामाजिक दायित्व (सीएसआर - कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के अंतर्गत अहम भूमिका निभाई है। कोकन रेलवे के सौजन्य से इस यूनिट को स्थापित किया गया है, जिससे ज़िले के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी। भविष्य की संभावनाएं: इस यूनिट की स्थापना से न केवल सर्जरी विभाग की कार्यशैली में निखार आएगा, बल्कि मेडिकल स्टाफ को नई तकनीक सीखने और अपनाने का अवसर भी मिलेगा। इसके साथ ही, ज़िले के चिकित्सा सेवा में गुणवत्ता और विश्वास दोनों बढ़ेगा। सदर अस्पताल में लेप्रोस्कोपी यूनिट की स्थापना न केवल चिकित्सा जगत में एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशासन, संस्थाओं और निजी सहयोग की एक उत्कृष्ट मिसाल है।स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशासन, संस्थाओं और निजी सहयोग की एक उत्कृष्ट मिसाल है। सेल्फ चिकित्सा में आएगी सरलता अस्पताल के सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. एस.के. पाठक ने बताया कि लेप्रोस्कोपी यूनिट की स्थापना से सर्जरी विभाग के कार्य में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। सेल्फ मेडिसिन यानी स्वयं के शारीरिक अंगों की बेहतर निगरानी और निदान संभव हो सकेगा। इस सुविधा के सफल क्रियान्वयन के लिए सर्जरी विभाग के सभी बेसिक इंस्ट्रूमेंट्स का दुरुस्त रहना अत्यंत आवश्यक है। कहा कि यदि तकनीकी संसाधनों की निरंतर निगरानी और मरम्मत होती रहे, तो अस्पताल में की जाने वाली सर्जरी की गुणवत्ता में सुधार आएगा। डीएम की सक्रिय भूमिका डीएम रिची पांडेय की सक्रियता इस परियोजना की रीढ़ रही है। समय-समय पर अस्पताल में निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया कि इसमें किसी प्रकार की बाधा न आए। सरकारी अस्पतालों को भी निजी संस्थानों के स्तर पर लाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय मरीजों को भी गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा मिल सकेगी।
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