बसंतपुर में सड़क हादसे में पलम्बर मिस्त्री की मौत
बसंतपुर के कन्हौली गांव के पास एक सड़क दुर्घटना में 32 वर्षीय ज्वाला सिंह की मौत हो गई। वह अपनी चचेरी बहन का इलाज कराने के बाद बाइक से घर लौट रहे थे, तभी एक अज्ञात ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। ज्वाला...

बसंतपुर, एक संवाददाता। बसंतपुर - सीवान एनएच 227 ए के कन्हौली गांव के समीप शुक्रवार को सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई । मृत युवक कन्हौली गांव के ही नरेश सिंह का पुत्र ज्वाला सिंह बताया या है। उसकी उम्र 32 वर्ष के करीब थी। घटना शुक्रवार देर रात दस बजे की है। घटना के संबंध में बताया गया है कि ज्वाला सिंह अपनी चचेरी बहन का इलाज कराने के लिए मलमलिया के एक निजी क्लीनिक में अपने घर से गया था। जहां इलाज करा युवक अपनी बहन को क्लिनिक में छोड़कर स्वयं बाइक से घर लौट रहा था।
इसी दौरान कन्हौली गांव के पास विपरीत दिशा से आ रहे एक अज्ञात ट्रक ने बाइक में जोरदार टक्कर मार दिया। इससे घटनास्थल पर ही बाइक सवार युवक की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अज्ञात ट्रक की तलाश कर रही है। युवक की मौत के बाद घर में कोहराम मच गया है। युवक का तीन वर्षीय पुत्र गुनगुन और डेढ़ वर्षीय बेटी औमवार के साथ पत्नी गुड़िया का रो-रो कर बुरा हाल है। गुड़िया बार-बार पति की याद में बेहोश हो जा रही है। परिजन व स्थानीय लोग गुड़िया और बच्चे को ढांढस देने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन गुड़िया के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। चार भाइयों में से सबसे बड़ा था ज्वाला ज्वाला सिंह ज्वाला सिंह के नरेश सिंह का पहली सन्तान था। इसकारण, परिवार की पूरी जिम्मेवारी ज्वाला सिंह के कंधों पर ही थी ।ज्वाला सिंह के छोटे भाई मोटू सिंह शादी शुदा है लेकिन अपुन सिंह और भीम सिंह अविवाहित है। चार भाइयो में सबसे बड़े भाई होने के नाते घर परिवार की जिम्मेदारी भी ज्वाला के कंधे पर ही थी । परिवार का इकलौता कमाऊ पुत्र था ज्वाला परिवार बेटे में बड़ा होने के कारण परिवार की आर्थिक जिम्मेवारी भी ज्वाला अपने ही कंधे पर संभाल रखा था। वह प्लंबर का काम करता था। बगल के गांव सरेया में हाल के समय में वह प्लंबर का ही काम कर रहा था। इसी दौरान वह चचेरी बहन की इलाज करा कर जल्दी-जल्दी घर वापस लौट वह काम पड़ जाने की सोच रहा था। तब तक एकाएक घटना हो गई और ज्वाला दुनिया से चल बसा। ज्वाला की मौत के बाद परिवार की आर्थिक जिम्मेवारियां उठाने वाला कोई सदस्य नहीं है। पिता नरेश सिंह दिव्यांग हैं। इसकारण परिवार के समक्ष यह चुनौती खड़ी हो गई है। सड़क दुर्घटना में 3 वर्ष पहले भी घायल हुआ था ज्वाला घटना के तीन वर्ष पूर्व भी सड़क दुर्घटना में ज्वाला का पैर पूरी तरह टूट गया था। काफी इलाज के बाद ठीक हुआ था। जिससे ज्वाला घूम फिर कर पलंबर का काम करता था। लेकिन, पहली घटना से भी ज्वाला सबक नहीं ले पाया। इसकारण, दूसरी दुर्घटना में उसकी जान चली गयी। शुक्रवार रात्रि की सड़क दुर्घटना ज्वाला के लिए अंतिम सड़क दुर्घटना बनकर गई। भांजे के जन्म के बाद हुई मामा की मौत सड़क दुर्घटना में ज्वाला सिंह की हुई मौत के बाद लोगों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। कोई भांजे की जन्म के बाद मामा की हुई मौत को लेकर बच्चे को मनहूस तो कोई इसे अपशगुन मान रहा है। बताते चले की ज्वाला अपने चचेरी बहन की डिलेवरी कराने के लिए मलमलिया के एक निजी क्लीनिक में गया था। जहां बहन के डिलेवरी बच्चों के जन्म के बाद वह खुशी सुनने अपने घर जा रहा था। इसी दौरान उसकी मौत हो गई। दुर्घटना के लिए ब्लैक स्पॉट बना कन्हौली राष्ट्रीय उच्च पद 227 ए के पास स्थित कन्हौली गांव दुर्घटना हब बन गया है। एनएच 227 ए का यह तीखा घुमावदार होने के कारण यहां एक दूसरी तरफ से आने वाली गाड़ियों को चालक नहीं देख पाते हैं। इसकारणं अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं यहां होती रहती हैं। स्थानीय लोग इसे दुर्घटना हब के नाम से भी जानने लगे हैं। वहीं, एनएचआई की उदासीनता का आलम यह है कि यहां तीखा मोड़ होने के बावजूद सड़क पर सिंबल भी नहीं लगाया गया है।
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