'बादशाह', 'शाहबुद्दीन' समेत 3 कैदी पटना सिविल कोर्ट से फरार,मचा हड़कंप
फुलवारीशरीफ जेल से बुधवार की दोपहर करीब ढ़ाई बजे सिविल कोर्ट में पेशी पर लाये गए तीन कैदी हथकड़ी समेत फरार हो गए। फरारी के दौरान कैदियों ने निहत्थे सुरक्षाकर्मी मोतीचंद चौधरी को पटक दिया और उसकी...

फुलवारीशरीफ जेल से बुधवार की दोपहर करीब ढ़ाई बजे सिविल कोर्ट में पेशी पर लाये गए तीन कैदी हथकड़ी समेत फरार हो गए। फरारी के दौरान कैदियों ने निहत्थे सुरक्षाकर्मी मोतीचंद चौधरी को पटक दिया और उसकी पिटाई भी की। इस घटना से कोर्ट परिसर में तैनात पुलिस पदाधिकारी काफी देर तक अनजान रहे। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। इस मामले में एसएसपी गरिमा मलिक ने टाउन डीएसपी सुरेश प्रसाद से जांच रिपोर्ट तलब की है जबकि हाजत प्रभारी के आवेदन पर पीरबहोर थाने में फरार तीनों कैदियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
चोरी के मामले में तीनों भेजे गए थे जेल
बताया गया है फरार कैदियों में रोहित, इमरान उर्फ बादशाह और मो. शाहबुद्दीन उर्फ भोला शामिल है। शाहबुद्दीन को फुलवारीशरीफ पुलिस ने चोरी के मामले में पकड़ा था जबकि राहुल और इमरान को वाहन चोरी के मामले में गिरफ्तार कर पीरबहोर पुलिस ने जेल भेजा था। तीनों कैदियों की सिविल कोर्ट में पेशी थी। फुलवारीशरीफ जेल से कैदी वाहन के जरिए इन तीनों कैदियों को सिविल कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया। यहां उन्हें कोर्ट हाजत में रखा गया था। दोपहर बाद तीनों को पेशी के लिए कोर्ट हाजत से निकला गया।
तीन कैदियों की सुरक्षा में अकेला था सिपाही
बताया गया है कि कैदियों की सुरक्षा में तीन सिपाही तैनात किए गए थे। पेशी पर ले जाने से पूर्व दो सिपाही कहीं चले गए जबकि सुरक्षा में अकेले सिपाही मोतीचंद चौधरी रह गया। सूत्रों की मानें तो एक कैदी के हाथ में हथकड़ी थी और हथकड़ी की रस्सी से दो अन्य कैदियों के हाथ बांधे गए थे। हाजत से निकलने के बाद सिपाही के साथ तीनों कैदी सिविल कोर्ट मुख्य परिसर से बाहर सिविल सर्जन कोर्ट परिसर की ओर गए। इसके बाद मारपीट कर सिपाही को पटक दिया। इस दौरान दो कैदियों ने हथकड़ी की रस्सी से अपने को बंधनमुक्त कर लिया। इसके बाद तीनों कैदी हथकड़ी समेत दीवार फांदकर भाग गए। इसके बाद पीरबहोर थाने पहुंचकर सिपाही ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस हरकत में आयी। एसएसपी गरिमा मलिक के निर्देश पर टाउन डीएसपी सुरेश प्रसाद ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की।
दो माह से बंद है सिविल सर्जन कोर्ट
सिविल सर्जन कोर्ट परिसर पिछले दो माह से बंद पड़ा है और वहां सन्नाटा रहता है। इसी सन्नाटे में तीनों कैदियों ने कोर्ट के बारामदे पर खाना खाया और वहीं से फरार हो गए। सिपाही मोतीचंद का कहना था कि घटनास्थल पर पहले से ही तीन-चार लोग मौजूद थे।कैदियों के साथ उन लोगों ने भी मारपीट की। बहरहाल, दोपहर बाद एएसपी सीपी विद्याथी कोर्ट परिसर में थे और उनकी गाड़ी मुख्य द्वारा पर लगी थी। इसके अलावे मुख्य कोर्ट परिसर में एक सौ से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात है। कोर्ट हाजत में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। बावजूद तीनों कैदी भाग गए।
कैदियों की फरारी में सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही से इनकार नहीं किया जा सकता। टाउन डीएसी से जांच रिपोर्ट मांगी गई है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
-गरिमा मलिक, एसएसपी
अभिरक्षा से भाग गया था कुख्यात
अभिरक्षा से कैदियों के फरार होने की घटना पहले भी हो चुकी है। 22 मार्च 2018 को बेउर जेल से इलाज के लिए आया बंदी कुख्यात बबलू कुमार पीएमसीएच से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। इस मामले में तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने बबलू को ले जाने वाले पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। फरार कैदी पर 32 से 33 केस दर्ज थे। इस कैदी को एक साल की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने पकड़ा था। इसकी गिरफ्तारी को लेकर विधानसभा में भी सवाल उठे थे।