लालू परिवार की वो 7 लैंड डील जिसने खड़ी की मुसीबतें, जानें- किस-किस ने दी कौड़ी के भाव जमीन?
लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने 2004 से 2009 के बीच केंद्र सरकार में रेल मंत्री रहते हुए कुछ लोगों को नियमों को ताक पर रखकर नौकरियां दिवलाईं और बदले में उनसे औने-पौने दामों में जमीन लिखवा लीं।

Land For Job Case: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पूर्व मुख्यमंत्री पत्नी राबड़ी देवी और सांसद बेटी मीसा भारती को भले ही लैंड फॉर जॉब मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी हो लेकिन उनकी मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। 29 मार्च को मामले में अगली सुनवाई होगी।
लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2004 से 2009 के बीच केंद्र सरकार में रेल मंत्री रहते हुए कुछ लोगों को नियमों को ताक पर रखकर रेलवे में नौकरियां दिवलाईं और बदले में उनसे अपने परिवार के नाम औने-पौने दामों पर जमीन लिखवाई।
सीबीआई ने इस मामले में लालू परिवार के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार के आरोपों में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें उन लैंड डील का जिक्र है। सात लैंड डील में से पांच को खरीद जबकि दो को गिफ्ट के तौर पर दिखाया गया है।
कब-कब और किस-किस से हुई लैंड डील?
डील नंबर-1 : सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि नवंबर 2007 में पटना की रहने वाली किरण देवी ने लालू यादव की बेटी मीसा भारती को सिर्फ 3.70 लाख रुपये में 80,905 वर्ग फीट जमीन बेच दी, जबकि उस जमीन की बाजार कीमत इस राशि से कई गुणा ज्यादा थी। किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को बाद में मुंबई में रेलवे में सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया था।
डील नंबर-2 : 6 फरवरी 2008 को पटना के रहने वाले किशुनदेव राय ने राबड़ी देवी के नाम कुल 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रूपये में बेची थी, जबकि उसकी बाजार कीमत ज्यादा है। उसी साल राय के परिवार के तीन लोगों राजकुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार की मुंबई में ग्रुप डी में भर्ती की गई थी।
डील नंबर-3 : 3 मार्च, 2008 को ब्रजनंदन राय नाम के एक शख्स ने गोपालगंज के रहने वाले हृदयानंद चौधरी को 62 लाख रूपये के बाजार मूल्य की 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 4.21 लाख रुपये में बेची थी। सीबीआई के मुताबिक, बाद में ये जमीन हृदयानंद ने लालू यादव की बेटी हेमा के नाम कर दी, जबकि हृदयानंद चौधरी लालू परिवार के रिश्तेदार नहीं हैं। चौधरी को 2005 में हाजीपुर में रेलवे में भर्ती किया गया था।
डील नंबर-4 : फरवरी 2007 में ही पटना निवासी हजारी राय ने एके इन्फोसिस प्राइवेट लिमिटेड को 10.83 लाख रुपये में 9,527 वर्ग फीट जमीन बेची थी। बाद में 2014 में इस कंपनी की सारी संपत्ति राबड़ी देवी और मीसा भारती के पास चली गईं। राबड़ी इस कंपनी की निदेशक बन गईं। जांच में पता चला कि हजारी राय के दो भतीजों दिलचंद और प्रेमचंद को रेलवे में नौकरी मिली थी।
डील नंबर-5 : पटना के महुआबाग निवासी संजय राय ने भी फरवरी 2008 में 3,375 वर्ग फीट का भूखंड राबड़ी देवी को बेचा था। ये डील सिर्फ 3.75 लाख रुपये में हुई थी। जांच में पता चला कि संजय राय और उनके परिवार के दो अन्य लोगों को रेलवे में नौकरी मिली थी।
डील नंबर-6 : मार्च 2008 में ही विशुनदेव राय ने सिवान के रहने वाले ललन चौधरी को 3,375 वर्ग फीट जमीन बेची थी। उसी साल ललन चौधरी के पोते पिंटू को पश्चिमी रेलवे में नौकरी मिली थी। बाद में ललन चौधरी ने 2014 में उस जमीन को लालू यादव की बेटी हेमा यादव के नाम गिफ्ट कर दी।
डील नंबर-7 : पटना निवासी लालबाबू राय ने मई 2015 में 1,360 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को सिर्फ 13 लाख रुपये में बेची थी। सीबीआई ने जांच में पाया है कि 2006 में लालबाबू राय के बेटे लालचंद को रेलवे में भर्ती किया गया था।