जेनरल सीट से लोकसभा क्यों नहीं लड़े चिराग; राजद वाले बहनोई अनिल साधु बोले- एनडीए को घुड़की दे रहे
अनिल कुमार साधु ने कहा कि चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कहके भाजपा और जदयू को बंदर घुड़की दे रहे हैं। अगर उन्हें जेनरल सीट पर चुनाव लड़ना है तो लोकभा में क्यों नहीं लड़े।

मोदी सरकार के फूड प्रोसेसिंग मंत्री चिराग के पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा पर सियासत शुरू हो गई है। उनके परिवार से ही विरोध के स्वर फूट रहे हैं। लोजपा-आवी चीफ के सबसे बडे़ जीजा (रामविलास पासवान के बड़े दामाद) अनिल कुमार साधु(साधु पासवान) ने कहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड को डरा रहे हैं। उन्होंने नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी(आचार्य किशोर कुणाल की बहू) शांभवी चौधरी को समस्तीपुर से टिकट देने पर भी सवाल उठाया है। कहा है कि बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का उनका नारा पीछे छूट गया और जीजा फर्स्ट आगे आ गया है।
रविवार को खबर आई कि चिराग पासवान किसी सामान्य सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। जमुई सांसद और चिराग के छोटे जीजा अरुण भारती ने सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की प्लानिंग शेयर किया। कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार की बेहतरी के लिए काम करें, इसके लिए जरूरी है कि राज्य के सदन में उनकी मौजूदगी हो। वे सिर्फ दलित नहीं बल्कि सभी वर्गों के नेता बनें इसके लिए किसी जेनरल सीट से चुनाव लड़ना आवश्यक है। इसी बीच उनके एक अन्य जीजा धनन्जय कुमार उर्फ कुणाल पासवान को बिहार एससी कमीशन का अध्यक्ष बना दिया गया।
इन तमाम बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिल कुमार साधु ने कहा कि चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कहके भाजपा और जदयू को बंदर घुड़की दे रहे हैं। अगर उन्हें जेनरल सीट पर चुनाव लड़ना है तो लोकभा में क्यों नहीं लड़े। खुद भी रिजर्व सीट से उतर गए और समस्तीपुर की रिजर्व सीट किशोर कुणाल की बहू (मंत्री अशोक चौधरी की बेटी) शांभवी चौधरी को देकर गलत किया। दरअसल वे, डराने की राजनीति कर रहे हैं। उनका बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का नारा हवा हो गया। अब जीजा फर्स्ट कर रहे हैं।
अनिल कुमार साधु रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी की बड़ी बेटी आशा देवी के पति हैं। पहले वे लोजपा में थे। मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा सीट पर उन्हें रामविलास ने टिकट दिया था। ससुर की मौत के बाद वे पार्टी से अलग हो गए और राजद में चले गए। आरजेडी में चले गए। फिलहाल राजद एससी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं।