लाइव हिन्दुस्तान के साथ इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने चिराग पासवान की तारीफ करते हुए कहा कि वह जाति की राजनीति नहीं करते हैं और बिहार की तरक्की की बात करते हैं।
लोजपा-रामविलास के सांसद अरुण भारती के बयान, ‘बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर चिराग पासवान इसी साल बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं’, पर अटकलों का दौर शुरू हो गया है।
चिराग पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर उनके जीजा और जमुई से सांसद अरुण भारती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि चिराग इस बार विधान सभा का चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी की आकांक्षा है कि चिराग बिहार में बड़ी जिम्मेदारी संभालें। इसकी चर्चा गठबंधन में भी होगी।
युवा लोजपा आर के प्रदेश अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडेय ने कहा कि चिराग पासवान के बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के विजन को जन-जन तक हमलोग पहुंचाएंगे। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का निमंत्रण भी दिया है।
पासवान परिवार में संपत्ति का विवाद गहराता जा रहा है। चाचा पशुपति पारस ने अब अपने भतीजे चिराग पासवान से खगड़िया (बिहार) से दिल्ली तक प्रॉपर्टी का बंटवारा करने की मांग कर दी है।
चिराग पासवान आज शहरबन्नी में अपनी बड़ी मां से मिलने पहुंचे, उनके स्वास्थ की जानकारी ली। चिराग ने कहा कि परिवार के ही कुछ सदस्यों द्वारा जो उम्र में मुझसे काफी बड़े हैं, जिन्होने आर्थिक महत्वकांक्षा की आड़ में मेरी बड़ी मां को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। आने वाले दिनों में सबको माकूल जवाब मिलेगा।
देश के राजनीतिक घरानों में शामिल रामविलास पासवान के परिवार में पार्टी तो चाचा और भतीजे के बीच बँट गई लेकिन अब उनके बेटे चिराग पासवान के सामने परिवार की संपत्तियों के बंटवारे का सवाल खड़ा हो गया है।
मनोज कुमार के निधन पर पीएम मोदी के साथ उनके मंत्रिमंडल सहयोगी चिराग पासवान और जीतनराम मांझी ने दुख जताया है। मांझी ने मनोज कुमार का एक वीडियो भी शेयर किया है।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोजपा-रामविलास ने महाराष्ट्र में हिंदी भाषी बिहार और यूपी (पूर्वांचल) के लोगों पर राज ठाकरे की मनसे द्वारा किए जा रहे हमले को लेकर सरकार से सुरक्षा की मांग की है।
वक्फ बिल पर नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जीतनराम मांझी के समर्थन देने पर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने निशाना साधा है। उन्होने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार, जो निष्पक्ष होने का दावा करती थी, उसने सहयोगी दलों के जरिए मुस्लिम समुदाय की पीठ में छुरा घोंपा है।