नीतीश के मंत्री विजय चौधरी के एक बयान से भड़क गए शिक्षक, जगह-जगह हो रहे प्रदर्शन
बिहार में जगह-जगह मंत्री विजय चौधरी के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं। कॉलेजों में पढ़ाने वाले वित्त रहित शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों में मंत्री एक बयान पर भारी गुस्सा है। टीचर मंत्री का पुतला फूंककर नारेबाजी कर रहे हैं।

बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री विजय चौधरी के एक बयान से राज्य के चुनिंदा शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मी का गुस्सा फूट गया है। पिछले एक सप्ताह से जगह-जगह मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। शिक्षक एवं कर्मचारी विजय चौधरी का पुतला भी फूंक रहे हैं। मुंगेर में बुधवार को डिग्री कॉलेजों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले इससे पहले लखीसराय, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, बक्सर, मधुबनी, सहरसा और भागलपुर समेत अन्य जिलों में भी विजय चौधरी के खिलाफ प्रदर्शन हो चुके हैं।
मुंगेर यूनिवर्सिटी के गेट पर बुधवार को हुए प्रदर्शन के दौरान वित्त रहित कॉलेजों के तमाम शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने संबद्ध कॉलेजों में कार्यरत टीचर एवं कर्मियों को लेकर पिछले दिनों अशोभनीय बयान दिया था। इसके विरोध में मंत्री का पूतला फूंका गया। बिहार राज्य संबद्ध डिग्री कॉलेज शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ, पटना के आह्वान पर राज्यभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। पटना में इन शिक्षकों की गुरुवार को विधानसभा घेराव की योजना है।
इससे पहले, लखीसराय जिले के बड़हिया में मंगलवार को वीमन्स कॉलेज के शिक्षकों ने जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी का पुतला फूंककर नारेबाजी की। रविवार को मुजफ्फरपुर जिले में वित्त रहित कॉलेज शिक्षक एवं कर्मियों ने प्रदर्शन किया। पिछले सप्ताह, अरवल के कुर्था, बक्सर के डुमरांव, मधुबनी के झंझारपुर एवं लदनियां, सहरसा के महिषी में भी इस तरह के प्रदर्शन हुए।
मंत्री के किस बयान पर भड़के हुए हैं शिक्षक?
बीते 8 मार्च को बिहार परिषद में जल संसाधन मंत्री एवं पूर्व शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने नवल किशोर यादव के सवाल के सवाल के जवाब में कहा था कि परिषद में कहा था कि वित्त रहित शिक्षकों को वित्त सहित का दर्जा नहीं दिया गया है। इनके लिए अनुदान ही काफी है। मंत्री ने इनके नियमित वेतनमान की मांग को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि वित्त रहित शिक्षा नीति की व्यवस्था इसलिए की गई है कि उन्हें वेतन नहीं दिया जा सकता है।
राज्य भर के कॉलेजों में पढ़ाने वाले वित्त रहित शिक्षक एवं कर्मचारी मंत्री के इस बयान का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि विजय चौधरी का यह बयान मानवीय संवेदनाओं के खिलाफ है। लंबे समय से वित्त रहित शिक्षक एवं कर्मी वेतनमान की आस में बैठे हैं।