3 लाख क्या 5 लाख करोड़ बोल देते, तेजस्वी ने बजट को बताया झूठ और जुमला; कमियां गिनाई
- तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकारी पन्नों पर झूठ और जुमलों की स्याही से लिखा हुआ भाषण डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने पढ़ा। मगर जमीनी सच्चाई और वास्तविकता कुछ और है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सकार के बजट को झूठ और जुमला बताया है। उन्होंने कहा है कि बिहार की जनता को ठगने का काम किया गया है। राजस्व की उगाही हो नहीं रही है और सरकार बजट का आकार बढ़ाए जा रही है। पिछली बजट के वायदों को पूरा नहीं किया गया और गया। उन्होंने कहा कि जब बोलना ही था तो तीन लाख क्या पांच लाख करोड़ बोल देते। उन्होंने कहा कि कहीं कारखाना खोलने या नौकरी रोजगार की बात नहीं की गयी।
बजट के बाद विधानसभा परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकारी पन्नों पर झूठ और जुमलों की स्याही से लिखा हुआ भाषण डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने पढ़ा। मगर जमीनी सच्चाई और वास्तविकता कुछ और है। उन्होंने कहा कि जब 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी थी उस समय से ही हर ब्लॉक में स्टेडियम बनाने की बात कही गयी थी। लगता है इनको स्टेडियम की परिभाषा नहीं पता। किसी प्रखंड में आज तक नहीं बना। बजट भाषण में चार घंटों में पटना पहुंचने की बात कही गई। लेकिन, पुल पुलिया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं। एक पुल तीन तीन बार टूटता है पर किसी पर कार्रवाई नहीं की जाती।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमलोगों को बिहार की चिंता है और इन लोगों को सरकार बचाने की। लगा कि इस आखिरी बजट में मौजूदा एनडीए की सरकार से मांग किया था कि किसानों का लोन माफ किया जाए, दो सौ यूनिट बिजली फ्री किया जाए, माई बहिन मान योजना के तहत 25 सौ की राशि दी जाए। 65 फिसदी ऐसी महिलाएं हैं जिनमें खून की कमी है। बौनेपन के शिकार सबसे ज्यादा बिहार के बच्चे हैं। गैस सिलेंडर का दाम 5 सौ किया जाए। सामाजिक सुरक्षा पेंशन 15 सौ कर दिया जाए। लेकिन सरकार ने किसी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार को राजस्व की प्राप्ती नहीं हो रही है तो बजट क आकार इतना कैसे हो गया। बात यह है कि यह इनफ्लेटेड बजट है। जब बोलना ही था तो पांच लाख करोड़ बोल देते। पिछली बजट में जो घोषणाएं की गईं उनमें से कितनी पूरी की गईं। सात निश्चय और सात निश्चय- 2 की कौन सी योजना सफल है। यह पूरी तरीके से यह बजट बिहार के हित में नही है बल्कि यह कागजों पर रह जाएगा। केंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि साक्षरता पर बजट में कुछ नहीं कहा गया जबकि साक्षरता में हमारा राज्य सबसे पीछे है। सबसे ज्यादा गरीबी और बेरोजगारी बिहार में है। लेकिन कहीं कारखाने खोलने की बात बजट में नहीं कही गई। बेरोजगारी दूर करने को लेकर बजट में कुछ नहीं है। पेपर लीक, लॉ एंड ऑर्डर पर भी बजट में कुछ नहीं है।