UP gang 3 member arrested in Kaimur for extorting money from Bihar people by posing as fake inspector फर्जी दारोगा बनकर बिहार के लोगों से वसूली, यूपी गैंग के तीन लोग कैमूर में पकड़े गए, Bihar Hindi News - Hindustan
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फर्जी दारोगा बनकर बिहार के लोगों से वसूली, यूपी गैंग के तीन लोग कैमूर में पकड़े गए

कैमूर जिले में फर्जी दारोगा बनकर लोगों से ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है। यूपी के इस गैंग के लोग खुद को उत्पाद पुलिस बताकर शराब के केस में फंसाने की धमकी देते और फिर उनसे रुपये वसूलते थे।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तानWed, 25 Sep 2024 04:38 PM
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फर्जी दारोगा बनकर बिहार के लोगों से वसूली, यूपी गैंग के तीन लोग कैमूर में पकड़े गए

बिहार की कैमूर पुलिस ने फर्जी उत्पाद दारोगा बनकर लोगों से पैसा वसूलने वाले उत्तर प्रदेश के एक गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय चौहान को गिरफ्तार किया है। वह यूपी के वाराणसी जिले के रामनगर में गोलाघाटा का रहने वाला है। उसके साथ मिर्जापुर के संदीप कुमार, वाराणसी के संजय सहनी को भी पकड़ा गया है। आरोपी खुद को उत्पाद पुलिसकर्मी बताकर लोगों को गाड़ी में बैठा देते। फिर हथकड़ी लगाकर पिस्टल दिखाते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी देते। बाद में शराब या अन्य मादक पदार्थ की तस्करी के केस की धमकी देकर उनसे पैसे की वसूली करते थे।

कैमूर पुलिस ने इनके कब्जे से एक कार, चार मोबाइल फोन, रस्सी लगी हथकड़ी, नकली बाल (वीग), पिस्टल रखने का हौलस्टर, पुलिस वर्दी का बेल्ट, 22 हजार रुपये नकद बरामद कर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस द्वारा मेडिकल जांच कराने के बाद आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस उपाधीक्षक शिवशंकर कुमार ने बुधवार को प्रेसवार्ता में इस मामले का खुलासा किया।

उन्होंने बताया कि इस गिरोह के सरगना संजय ने फर्जी दारोगा बनकर लोगों से पैसा वसूलने की बात स्वीकार की है। इस गिरोह के सदस्यों ने मंगलवार की शाम चैनपुर थाना क्षेत्र के हाटा शहर से मदुरना गांव निवासी मोती राम के पुत्र प्रकाश राम को अपने कब्जे में लेकर कार में बैठा लिया। गाड़ी में बैठाते ही उसके हाथ में हथकड़ी पहना दी गई। फिर उसे गैंग के लोग अज्ञात स्थान की ओर ले जाने लगे।

जान से मारने की धमकी देकर वसूले 42 हजार रुपये

एसडीपीओ शिवशंकर कुमार ने बताया कि गाड़ी में बैठाने के बाद फर्जी उत्पाद दारोगा एवं उसके गैंग के सदस्यों ने पीड़ित प्रकाश को जान से मारने की धमकी देते हुए पैसों की मांग की जाने लगी। पिस्टल दिखाते हुए बोला गया कि तत्काल पैसा नहीं देने पर मारकर कर्मनाशा नदी में फेंक देंगे। अपनी जान बचाने के लिए उसने अपने भाई को फोन कर फर्जी पुलिस टीम द्वारा बताए गए मोबाइल नंबर पर 22 हजार रुपये ट्रांसफर करवाया। इस गैंग के सदस्यों ने प्रकाश की जेब में उपलब्ध 20 हजार रुपये भी छीन लिया। इस घटना की चर्चा कहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी और उसे जीटी रोड पर ले जाकर छोड़ दिया गया।

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तीनों आरोपी अलग-अलग जगहों से पकड़े गए

डीएसपी के अनुसार, इस घटना की सूचना मिलते ही चैनपुर थानाध्यक्ष एवं डीआईयू प्रभारी के नेतृत्व में संयुक्त टीम को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भेजा गया। टीम द्वारा प्राप्त मोबाइल नंबर यूपीआई ट्रांजेक्शन, तकनीकी अनुसंधान व मानवीय सूत्रों की सहायता से इस घटना में शामिल तीनों व्यक्तियों को विभिन्न जगहों से गिरफ्तार किया गया। इस घटना में प्रयुक्त कार एवं 22 हजार रुपये नकद बरामद किए गए।

सिक्योरिटी गार्ड से चोर बन गया मास्टरमाइंड संजय

इस घटना के मास्टरमाइंड त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय के खिलाफ यूपी के चेतगंज, भुलूपुर, रामनगर, लक्शा, लंका थानों में लूट, चोरी, आर्म्स एक्ट के सात मामले दर्ज हैं। वह पहले गोलाघाट में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। उसके प्रतिनियुक्त संस्थान में चोरी की घटना के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद वह गिरोह बनाकर आपराधिक घटनाओं कोअंजामदेनेलगा।