War against Corona Testing accelerated in government hospital 1 lakh Covid kits ready What Minister Mangal Pandey said कोरोना से जंग: सरकारी अस्पताल में जांच में तेजी, 1 लाख कोविड किट तैयार; मंत्री मंगल पांडे क्या बोले, Bihar Hindi News - Hindustan
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कोरोना से जंग: सरकारी अस्पताल में जांच में तेजी, 1 लाख कोविड किट तैयार; मंत्री मंगल पांडे क्या बोले

मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि बिहार शुरू से ही कोविड संक्रमण के खिलाफ लड़ाई का काफी मुस्तैदी से सामना किया है साथ ही वर्तमान में कोविड से उत्पन्न स्थिति और आकस्मिकता को देखते हुए मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में कोविड जांच पर विशेष बल दिया जा रहा है।

Sudhir Kumar पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरोSat, 7 June 2025 10:56 AM
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कोरोना से जंग: सरकारी अस्पताल में जांच में तेजी, 1 लाख कोविड किट तैयार; मंत्री मंगल पांडे क्या बोले

बिहार में कोविड के प्रसार पर रोक लगाने के लिए कोरोना जांच में तेजी लाया जा रहा है। इसके लिए लिए राज्य के सभी 38 जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में एक लाख किट शीघ्र उपलब्ध करा दी जाएगी। इनमें 60 हजार आरटीपीसीआर (रियल टाइम पीसीआर) तथा 40 हजार ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रेक्शन किट शामिल है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पतालों में तेजी से किट भेजी जा रही हैं। ताकि, कोई इसके संदिग्ध मरीज आते हैं तो जांच में कोई परेशानी नहीं हो। वहीं, दूसरी ओर इलाज को लेकर भी अस्पताल में आवश्यक तैयारी की गई है।

इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि कोविड संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। विगत कुछ दिनों से देशभर में कोविड (कोरोना) के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखकर राज्य में इसकी रोकथाम, ससमय पर जांच और बेहतर उपचार की तैयारी को मुक्कमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार शुरू से ही कोविड संक्रमण के खिलाफ लड़ाई का काफी मुस्तैदी से सामना किया है साथ ही वर्तमान में कोविड से उत्पन्न स्थिति और आकस्मिकता को देखते हुए मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में कोविड जांच पर विशेष बल दिया जा रहा है।

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड जांच किट के अधिकतम सदुपयोग पर भी बल दिया जाएगा। कोविड संक्रमण के प्रबंधन के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले जांच किट का सदुपयोग करने और नष्ट या क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए सिविल सर्जन, अधीक्षक और मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। 31 मई को राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर मॉकड्रिल भी किया गया।

विभाग ने कहा है कि भारत में कोविड-19 के दो नए सब-वैरिएंट- एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 की पहचान की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन दोनों को मात्र निगरानी में रखे गए वैरिएंट की श्रेणी में रखा है। इससे घबाराना नहीं है, सतर्क रहना है।

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कोविड के अनुरूप व्यवहार अपनाकर संभावित संक्रमण से बचाव संभव

स्वास्थ्य विभाग हमेशा से कोविड संक्रमण के प्रबंधन और उपचार में सजगता और सतर्कता का मिसाल पेश किया है। लोगों में कोविड संक्रमण के प्रति जागरूकता के लिए भी जिलों को निर्देशित किया गया है। कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाकर इसके संभावित संक्रमण से प्रभावशाली बचाव संभव है। बिहार में इस साल सबसे पहले 25 मई को दो कोरोना मरीज मिलने का मामला सामने आया था। दोनों मरीज पटना में मिले थे। इसके अगले ही दिन स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना को लेकर सभी जिलों के सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य आदि के साथ बैठक की और हर तरह की तैयारी रखने का निर्देश दिया गया।