दलित रेप पीड़िता की मौत पर चिराग पासवान और मांझी चुप क्यों हैं, कांग्रेस के हमले तेज
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि चिराग पासवान और जीतनराम मांझी दलितों की राजनीति करते हैं। एक दलित बेटी की मौत हो गई है, लेकिन इन दोनों के मुंह से संवेदना का एक शब्द नहीं निकला।
बिहार में चुनावी साल में दलित बच्ची का जघन्य रेप और इलाज में लापरवाही से उसकी मौत के मामले पर सियासत गर्म है। इस मुद्दे पर लगातार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को घेर रही कांग्रेस ने हमले तेज कर दिए हैं। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एवं जीतनराम मांझी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। मुजफ्फरपुर रेप कांड पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने आरोप लगाया कि सरकार में सहयोगी होने पर भी चिराग और मांझी पर पीड़ित बच्ची को इलाज नहीं दिलवा पाए।
दलित वर्ग से आने वाले बिहार कांग्रस अध्यक्ष ने मंगलवार को पटना में मीडिया से बातचीत में मांझी और चिराग को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि एक दलित बेटी की मौत हो गई और दलितों की राजनीति करने वाले नेताओं के मुंह से संवेदना का एक शब्द नहीं निकला। इन्हें केवल दलितों के वोट चाहिए।
उन्होंने चिराग पासवान और जीतनराम मांझी से पूछा कि क्या वे आरएसएस के एजेंडे पर चल रहे हैं। बता दें कि चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और मांझी की पार्टी हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (हम) दलितों को केंद्र में रखकर राजनीति करती है। दूसरी ओर, आगामी बिहार चुनाव में बिहार भी इस वर्ग को साधने में जुटी हुई है। मुजफ्फरपुर की रेप पीड़िता की पीएमसीएच में समय पर इलाज न मिलने से मौत होने के मामले पर कांग्रेस ने नीतीश सरकार के खिलाफ पटना में सोमवार को प्रदर्शन भी किया।
असित नाथ तिवारी कांग्रेस में शामिल, एक दिन पहले बीजेपी छोड़ी थी
मुजफ्फरपुर रेप पीड़िता की मौत के मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था। मंगलवार को पटना स्थित सदाकत आश्रम में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। तिवारी पहले भी कांग्रेस में लंबे समय तक रह चुके हैं। मंगलवार को मीडिया से असित नाथ तिवारी ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर रेप कांड पर सवाल उठाते हुए उनके सोशल मीडिया पोस्ट को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल जबरन डिलीट करवाना चाह रहे थे।