संघर्ष, सफलता और नि:स्वार्थ सेवा का पर्याय हैं चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय कुमार भगत
संघर्ष, संकल्प और सेवा ये तीन शब्द अगर किसी व्यक्ति की पहचान बन जाए, तो वह केवल एक नाम नहीं रहता, वह प्रेरणा बन जाता है।

बिहार के भागलपुर जिले के सिलहन खजुरिया गांव में जन्मे अजय कुमार भगत का बचपन एक साधारण किसान परिवार में बीता। पिता का साथ बचपन में ही छूट गया उनके पिता एक किसान थे और परिवार का जीवन ग्रामीण परंपराओं व सीमित संसाधनों के बीच चलता था। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले अजय कुमार भगत ना केवल पेशेवर सेवा देते हैं बल्कि समाज सेवा में भी अग्रसर रहते हैं।
संघर्ष, संकल्प और सेवा ये तीन शब्द अगर किसी व्यक्ति की पहचान बन जाए, तो वह केवल एक नाम नहीं रहता, वह प्रेरणा बन जाता है। अजय कुमार भगत, भागलपुर के एक छोटे से गांव सिलहन खजुरिया से निकलकर कोलकाता जैसे महानगर में चार्टर्ड अकाउंटेंट बने और फिर वापस अपने गांव लौटकर समाज सेवा में लग गए।
शिक्षा और करियर
प्राथमिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से प्राप्त करने के बाद उन्होंने धुओवै से हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान उन्हें 5 किलोमीटर रोज पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था। संसाधनों की कमी और सीमित सुविधाओं के बावजूद अजय ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने प्लस-2 की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम से की, जिससे यह साबित होता है कि उनकी बुनियादी समझ मजबूत थी।
ग्रेजुएशन की पढ़ाई उन्होंने भागलपुर से पूरी की, जिसके बाद उन्होंने कोलकाता का रुख किया, जहां उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी सीए की पढ़ाई शुरू की। यह वह मोड़ था, जब उन्होंने अपने भविष्य को आकार देने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाया। सीए की पढ़ाई आसान नहीं थी। दो इंटरमीडिएट और दो फाइनल ग्रुप्स के कठिन चरणों से गुजरना होता है। इसी दौरान उन्होंने महसूस किया कि उनके कदम डगमगाने लगे हैं। लेकिन उनके बड़े भाई की सीख और प्रेरणा ने उन्हें फिर से मजबूत किया। उन्होंने ठान लिया कि अब पीछे नहीं हटना है। वह दोबारा पूरी ऊर्जा के साथ पढ़ाई में लगे और अंतत: सफलतापूर्वक सीए की डिग्री हासिल की। सीए की पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने कॉस्ट अकाउंन्टेसी नामक पैरलल कोर्स भी पूरा किया, जिससे उनका ज्ञान और अधिक समृद्ध हुआ।
पारिवारिक मूल्य और प्रेरणा का स्रोत
अजय चार भाइयों में सबसे छोटे हैं। वह सीए तो हैं ही साथ ही समाज सेवा कार्य में भी वह लगे रहते हैं। अपने पिता जी के नाम पर उन्होंने “श्याम सुंदर सेवा संस्थान” की स्थापना की। जो एक सामाजिक ट्रस्ट है। यह ट्रस्ट समाज के वंचित वर्गों के लिए कार्य करता है। इस कार्य में उनके भाई सुभाष चंद्र भगत का सहयोग रहता है। यही पारिवारिक सहयोग उन्हें सामाजिक रूप से भी सक्रिय बनाता चला गया।
पेशेवर जीवन में योगदान
चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर अजय कुमार भगत एक सशक्त और सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वह न केवल अपने क्लाइंट्स को वित्तीय मार्गदर्शन देते हैं, बल्कि सीए की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए भी सेमिनार आयोजित करते हैं। व्यक्तिगत सलाह देते हैं और उन्हे कैरियर की दिशा में प्रेरित करते हैं। उनका मानना है कि जो युवा इस क्षेत्र में आना चाहते हैं, उन्हें अनुशासन, निरंतरता और आत्मविश्लेषण की आदत डालनी चाहिए। अजय का एक बेहद उपयोगी मंत्र है “रात को सोने से पहले अपनी दिनचर्या का मूल्यांकन करें और सुबह उसे बेहतर करने की योजना बनाएं।”
लेखन के क्षेत्र में भी काफी दिलचस्पी रखते हैं अजय
सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी लेखनी में कविता एवं संक्षिप्त कहानियों के माध्यम से समय-समय पर समाज को प्ररित करते रहते हैं।

वित्तीय योजनाएं और निवेश का दृष्टिकोण
वित्तीय प्लानिंग में भी अजय का अनुभव और दृष्टिकोण बेहद व्यावहारिक है। वह कहते हैं कि हर व्यक्ति को अपनी आमदनी का कम-से-कम 20% भाग सेविंग मोड में रखना चाहिए। यह सेविंग म्यूचुअल फंड, रकढ, पोस्ट ऑफिस स्कीम या किसी सुरक्षित इन्वेस्टमेंट फॉर्म में हो सकती है। उनका स्पष्ट मानना है कि सेविंग को कभी आय का हिस्सा नहीं समझना चाहिए, बल्कि उसे ज़िम्मेदारी समझकर करना चाहिए। इस तरह वित्तीय स्थिरता संभव होती है।
इंश्योरेंस: ज़रूरी सुरक्षा कवच
अजय के अनुसार, आज के समय में मेडिकल और लाइफ इंश्योरेंस दोनों अनिवार्य है। वह 2017 में एक दुर्घटना के शिकार हुए और दुर्भाग्यवश उस समय उनके पास कोई मेडिकल इंश्योरेंस नहीं था। इसका खामियाजा उन्हें बड़ी धनराशि चुकाकर भुगतना पड़ा। इस अनुभव ने उन्हें सिखाया कि जीवन में सुरक्षा के लिए इंश्योरेंस कितना महत्वपूर्ण है।
मेडिकल खर्च अनियोजित होता है और लाइफ अनिश्चित है। इसलिए दोनों तरह का इंश्योरेंस होना ही चाहिए।
युवाओं के लिए संदेश
सीए बनने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए अजय का मानना है कि "यह सफर कठिन है, लेकिन असंभव नहीं।" उनके अनुसार, आपको रेगुलर स्टडी करनी होगी। हर ग्रुप के लिए एक अलग रणनीति बनानी होगी और खुद पर भरोसा बनाए रखना होगा।
समाज सेवा है श्याम सुंदर सेवा संस्थान का संकल्प
अजय कुमार भगत का सबसे बड़ा योगदान “श्याम सुंदर सेवा संस्थान” के ज़रिए समाज के गरीब और वंचित तबकों की मदद करना है। उनके ट्रस्ट की पहल न केवल आर्थिक सहायता देती हैं, बल्कि आत्मसम्मान, शिक्षा और सामाजिक स्थिरता के लिए भी काम करती हैं।

* शिक्षा: ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई में मदद
* विवाह: निर्धन परिवारों की बेटियों की शादी में सहयोग
* ठंडी राहत: कंबल वितरण
* गर्मी राहत: शीतल जल व्यवस्था और छायादार इंतजाम
उनका मानना है कि जब इंसान, इंसान से प्रेम करेगा और साथ देगा, तभी समाज आगे बढ़ेगा।
Quatation
''जब हम खुद से लड़ते हैं, तब दुनिया जीतने की शक्ति आती है। और जब हम समाज के लिए लड़ते हैं, तब इंसानियत जीतती है। इंसान को इंसान से प्यार करना चाहिए हमेशा एक दूसरे के सुख-दुख में साथ निभाना चाहिए।
-अजय कुमार भगत''
नाम : अजय कुमार भगत
कार्यक्षेत्र : सीए और समाजसेवी
संस्थान : श्याम सुंदर सेवा संस्थान
पत्नी : श्रीमती रीता भगत, गृहिणी
पुत्री : सुश्री जया भगत, सीए फाइनल
पुत्र : सुजय कुमार भगत, सीए फाइनल
(अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति / संस्थान की है)
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