लाखों केन्द्रीय कर्मचारियों को लग सकता है झटका! 8वें वेतन आयोग पर नया अपडेट
8th pay commission - मई का महीना खत्म हो गया है और इसके बाद 1 जनवरी 2026 की डेडलाइन पर इसे लागू होने में सिर्फ 7 महीने बचे हैं।

8th pay commission: केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी थी और उसके बाद संबंधित अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श शुरू किया गया था। ताकि संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को अंतिम रूप दिया जा सके और संभावित आयोग के सदस्यों के काम शुरू करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा सके। हालांकि, सरकार ने अभी तक आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। पिछले महीने एक सर्कुलर जारी किया गया था जिसमें प्रतिनियुक्ति के आधार पर लगभग 35 पदों को भरने के सरकार के प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी गई थी। इन पदों को भरने के लिए योग्य सरकारी कर्मचारियों से आवेदन मांगे गए थे। तब से, मीडिया में टीओआर को अंतिम रूप देने और सदस्यों की नियुक्तियों के बारे में अटकलें लगाने वाली कई रिपोर्टें आई हैं।
8वें वेतन आयोग की 1 जनवरी 2026 की डेडलाइन पूरी हो पाएगी?
मई का महीना खत्म हो गया है और इसके बाद 1 जनवरी 2026 की डेडलाइन पर इसे लागू होने में सिर्फ 7 महीने बचे हैं। मौजूदा 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो रहा है। अब तक की प्रगति को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि सरकार 8वें वेतन आयोग को समय पर लागू कर पाएगी। पिछले वेतन आयोगों की प्रक्रिया को देखें तो आमतौर पर सिफारिशों को लागू करने में 12 से 18 महीने का समय लगता है।
देरी का 1 जनवरी 2026 या उसके बाद रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों पर क्या असर पड़ेगा?
ऐसे में 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना कम है। अब सवाल यह उठता है कि अगर कोई कर्मचारी 1 जनवरी 2026 या उसके बाद रिटायर होता है, लेकिन तब तक 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं हुई हैं, तो क्या उन्हें इसका लाभ मिलेगा? इसका जवाब है हां। ऐसे सभी कर्मचारियों को एरियर के रूप में वेतन संशोधन का लाभ भी मिलेगा। ऐसा पहले भी हो चुका है। 7वें वेतन आयोग के समय करीब एक साल की देरी हुई थी, लेकिन सभी कर्मचारियों और पेंशनरों को बकाया दिया गया था।
8वें वेतन आयोग पर अब तक क्या हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। इसका मकसद करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन को नए सिरे से तय करना है।