अडानी-अंबानी-टाटा को झटका दे गया वित्त वर्ष 2025, केवल बिड़ला ग्रुप की उछली मार्केट वैल्यू
- आदित्य बिड़ला ग्रुप की 40 में से 26 कंपनियों के शेयर वित्त वर्ष 2024-25 में ऊपर रहे, जबकि 14 में गिरावट दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2024-25 में अडानी ग्रुप की कंपनी के शेयर नहीं बढ़े। मुकेश अंबानी की रिलायंस की मार्केट वैल्यू 3.78 लाख करोड़ रुपये घटी। टाटा की 25 में से 16 कंपनियों के शेयर नीचे रहे।

वित्त वर्ष 2024-25 में बिड़ला ग्रुप ने बाजार में धूम मचाई, जबकि अडानी, अंबानी और टाटा को मुश्किल साल रहा। अब निवेशकों की नजर अप्रैल-जून तिमाही के रिजल्ट्स पर है। दरअसल भारतीय शेयर बाजार के साथ-साथ देश के बड़े कारोबारी समूहों के लिए भी मुश्किल भरा रहा। विदेशी निवेशकों की बिकवाली, ट्रेड वॉर की आशंकाओं और वैल्यूएशन चिंताओं के बीच मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिड़ला और टाटा ग्रुप की कंपनियों को भी झटका लगा।
मिंट के विश्लेषण के मुताबिक, इन चार बड़े समूहों में से सिर्फ आदित्य बिड़ला ग्रुप ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपनी कुल मार्केट कैप बढ़ाई, जबकि बाकी तीनों को नुकसान हुआ।
बिड़ला ग्रुप: एकमात्र विनर
आदित्य बिड़ला ग्रुप की 40 में से 26 कंपनियों के शेयर वित्त वर्ष 2024-25 में ऊपर रहे, जबकि 14 में गिरावट दर्ज की गई। इस साल ग्रुप की कुल मार्केट वैल्यू 1.45 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 8.5 लाख करोड़ रुपये हो गई। इसमें सबसे बड़ा योगदान अल्ट्राटेक सीमेंट (+57,680 करोड़, शेयर 18% चढ़ा) का रहा। अन्य कंपनियों चंबल फर्टिलाइजर्स, अदित्य बिड़ला फैशन, हिंडाल्को, ग्रासिम भी फायदे में रहे।
नुकसान वाली कंपनियां: केसोराम इंडस्ट्रीज, बिड़ला कॉर्पोरेशन
UBS ने अल्ट्राटेक सीमेंट को 'बाय' रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 13,000 रुपये (पहले 9,000 रुपये) रखा है, क्योंकि सेक्टर में कॉस्ट सेविंग, प्राइस स्थिरता और अंबुजा सीमेंट के साथ कंसॉलिडेशन से मजबूती की उम्मीद है।
अडानी, अंबानी और टाटा को झटका
1. अडानी ग्रुप – सबसे बड़ा नुकसान
-वित्त वर्ष 2024-25 में अडानी ग्रुप की किसी भी कंपनी के शेयर नहीं बढ़े। सबसे ज्यादा गिरावट:अडानी ग्रीन (-48%, मार्केट कैप में 1.40 लाख करोड़ का नुकसान), अडानी एंटरप्राइजेज (-96,093 करोड़) में रही। क्योंकि, भ्रष्टाचार और फ्रॉड के आरोपों से विदेशी और घरेलू निवेशकों में भरोसा कम हुआ।
2. अंबानी ग्रुप – RIL और जियो फाइनेंशियल से धक्का
मुकेश अंबानी की रिलायंस ग्रुप की मार्केट वैल्यू 3.78 लाख करोड़ रुपये घटी। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर 14% गिरे, जिससे 2.88 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल बिजनेस में कमजोरी, रिटेल ग्रोथ धीमी होने की वजह से नुकसान हुआ। जियो फाइनेंशियल (हाल ही में लिस्ट हुई) 35.73% गिरकर 80,306 करोड़ रुपये की मार्केट कैप खोई। जबकि, TV18 ब्रॉडकास्ट और जस्ट डायल में सबसे ज्यादा तेजी रही।
3. टाटा ग्रुप – TCS और टाटा मोटर्स ने खींची ब्रेक
टाटा ग्रुप की 25 में से 16 कंपनियों के शेयर नीचे रहे, जिससे कुल मार्केट कैप 2.58 लाख करोड़ रुपये घटी। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ऑटो इम्पोर्ट पर 25% टैरिफ की आशंका से सबसे बड़ा नुकसान टाटा मोटर्स (-32%, 1.15 लाख करोड़ का नुकसान) का हुआ। दूसरी ओर, अमेरिका में IT स्पेंडिंग कमजोर, मंदी की आशंका से TCS (-19%, 1 लाख करोड़ का नुकसान) को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। जबकि, ट्रेंट, इंडियन होटल्स और वोल्टास ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।
क्या है आगे की राह?
- बिड़ला ग्रुप को सेमेंट और फैशन सेगमेंट से मजबूती मिलने की उम्मीद।
- अडानी ग्रुप को विवादों से उबरने में समय लग सकता है।
- रिलायंस के Q4 रिजल्ट्स और रिटेल बिजनेस के डिमर्जर (वैल्यू अनलॉकिंग) से रिकवरी की संभावना।
- टाटा ग्रुप के लिए TCS और टाटा मोटर्स की रिकवरी जरूरी, लेकिन ट्रेंट और इंडियन होटल्स जैसी कंपनियां सपोर्ट कर सकती हैं।