डिफेंस सेक्टर में अनिल अंबानी की कंपनी ने रचा इतिहास, अब रक्षा मंत्रालय से मिल सकता है मेगा ऑर्डर, शेयर पर रखें नजर
यह भारत में प्राइवेट सेक्टर की पहली कंपनी बन गई है, जिसने चार प्रकार की नई पीढ़ी के 155 मिमी आर्टिलरी गोला-बारूद को डिजाइन और विकसित किया है।

Reliance Infrastructure share price: अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर में गुरुवार को गिरावट देखी गई। जबकि पिछले कारोबारी सेशन में इसमें 11% की तेजी आई थी। आज इंट्रा-डे सौदों में शेयर में 5% की गिरावट आई। बता दें कि यह भारत में प्राइवेट सेक्टर की पहली कंपनी बन गई है, जिसने चार प्रकार की नई पीढ़ी के 155 मिमी आर्टिलरी गोला-बारूद को डिजाइन और विकसित किया है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रवक्ता ने कहा कि चारों प्रोजेक्टाइल पर विकास कार्य पूरा हो चुका है। सप्लाई चेन में दस भारतीय कंपनियों को पूरी तरह से इंटीग्रेट किया गया है और प्रोडक्शन तुरंत शुरू हो सकता है। विकास पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।
रक्षा मंत्रालय से 10,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है
बता दें कि कंपनी को अगले 10 सालों में भारतीय रक्षा मंत्रालय (MoD) से 10,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। सेना का गोला-बारूद पर खर्च 2023 में 7,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2032 तक 12,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होने का अनुमान है, ऐसे में रिलायंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा हासिल करने की स्थिति में है। नए गोला-बारूद की रेंज और सटीकता के फायदों को देखते हुए, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर निर्यात बाजार में प्रवेश करने की भी योजना बना रहा है। कंपनी का अनुमान है कि अगले दशक में निर्यात राजस्व में 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि होगी। बता दें कि अनिल अंबानी के स्वामित्व वाले समूह ने कहा कि उसके पास कई रक्षा एसपीवी हैं जो विभिन्न व्यवसायों में लगे हुए हैं, जिनमें एक एसपीवी भी शामिल है जो भारत सरकार की डीआरडीओ परियोजना के साथ गोला-बारूद विकसित करने की प्रक्रिया में है। रिलायंस इंफ्रा ने यह भी कहा कि आज की तारीख तक भारतीय सेना की ओर से विकास के तहत गोला-बारूद के लिए कोई ऑर्डर नहीं मिला है। इस बीच, रिलायंस इंफ्रा को बड़ी राहत देते हुए, राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बुधवार को कंपनी के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही पर रोक लगा दी, जो आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड द्वारा 88 करोड़ रुपये के कथित डिफॉल्ट को लेकर शुरू की गई थी।
रिलायंस इंफ्रा शेयर प्राइस
गुरुवार को इंट्रा-डे ट्रेड में ADAG के शेयर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में 4.8% तक की गिरावट आई। यह दिन के सबसे निचले स्तर ₹362 पर पहुंच गया। हालांकि, यह गिरावट रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर की कीमत में हाल ही में देखी गई भारी तेजी में एक छोटी सी कमी है। बीएसई स्मॉलकैप स्टॉक एक सप्ताह में 17% और तीन महीनों में 68% बढ़ा है। 2025 में अब तक, रिलायंस इंफ्रा के शेयर में 15.60% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि यह एक साल में 146% की तेजी के साथ मल्टीबैगर स्टॉक के रूप में उभरा है। दोपहर 3.20 बजे तक रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयर की कीमत 1.75% की गिरावट के साथ 373.80 रुपये पर थी।