इस दिग्गज शेयर पर बिगड़ा ब्रोकरेज का मूड, निवेशकों में बेचने की होड़, आपका है दांव?
- बीते वित्त वर्ष (2024-25) की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान विप्रो का मुनाफा 25.9 प्रतिशत बढ़कर 3,569.6 करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2023-24 की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 2,834.6 करोड़ रुपये रहा था।

Wipro Share price: देश की दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो लिमिटेड के शेयर को एक्सपर्ट सतर्क नजर आ रहे हैं। घरेलू ब्रोकरेज नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने विप्रो के शेयरों को डाउनग्रेड करके होल्ड कर दिया है। ब्रोकरेज ने विप्रो के शेयरों पर अपने टारगेट प्राइस को पहले के 300 रुपये से घटाकर 260 रुपये कर दिया। इसी के साथ च्वाइस ब्रोकिंग ने विप्रो पर अपनी रेटिंग को घटाकर 'कम' कर दिया और लक्ष्य मूल्य को घटाकर 252 रुपये कर दिया।
जापान स्थित नोमुरा होल्डिंग्स ने विप्रो के शेयरों पर अपने टारगेट प्राइस को 300 रुपये से घटाकर 280 रुपये कर दिया। हालांकि, इसने विप्रो के शेयरों पर अपनी खरीद कॉल को बनाए रखा। अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज बर्नस्टीन ने शेयर के लिए अपनी 'अंडरपरफॉर्म' रेटिंग को बरकरार रखा है। वहीं, टारगेट प्राइस 200 रुपये प्रति शेयर रखा। बता दें कि बीते गुरुवार को शेयर 4.28% टूटकर 236.90 रुपये पर बंद हुआ। वहीं, शुक्रवार को गुड फ्राइडे की वजह से शेयर बाजार बंद था। अब सोमवार को शेयर पर नजर रहेगी।
विप्रो के तिमाही नतीजे
बीते वित्त वर्ष (2024-25) की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान विप्रो का मुनाफा 25.9 प्रतिशत बढ़कर 3,569.6 करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2023-24 की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 2,834.6 करोड़ रुपये रहा था।
वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में कंपनी की आमदनी 22,504.2 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2023-24 की इसी तिमाही के 22,208.3 करोड़ रुपये से 1.33 प्रतिशत की मामूली वृद्धि है। पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) की तुलना में कंपनी के मुनाफे में 6.43 प्रतिशत, तो आमदनी में 0.83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अमेरिका के टैरिफ का पड़ेगा असर
पिछले कुछ सप्ताहों में अमेरिका द्वारा टैरिफ में लगातार वृद्धि और कटौती के कदमों ने वैश्विक बाजारों को हिलाकर रख दिया है। कई आईटी विश्लेषकों को डर है कि तीव्र व्यापार युद्ध और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संभावित मंदी के कारण आईटी निर्णय लेने की प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है या विशिष्ट क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी की मांग और खर्च में कमी आ सकती है। कुल 280 अरब डॉलर वाली आईटी कंपनी की आमदनी का बड़ा हिस्सा अमेरिकी ग्राहकों से आता है।