टिन के डब्बे से लेकर कार तक सब होंगे महंगे, अमेरिका में ट्रंप ने लगाया डबल टैक्स
Trump Tariff: ट्रंप टैरिफ यह तोप का गोला विदेशी स्टील पर दागा गया है पर इसकी चपेट में अमेरिका के आम खरीदार भी आने वाले हैं। जब कार का पुर्जा महंगा होगा, टिन का डब्बा महंगा होगा, तो घर का बजट तो बिगड़ेगा ही। और ऊपर से यूरोप गुस्से में है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार की आधी रात से एक नया फैसला लिया है। उन्होंने घोषणा की है कि अब दुनिया भर से आने वाले स्टील और अल्युमीनियम पर आयात शुल्क (टैरिफ) 25% से बढ़ाकर ठीक 50% कर दिया जाएगा। यानी अगर कोई देश अमेरिका को स्टील बेचना चाहता है, तो उसे अमेरिकी सरकार को उस स्टील की कीमत का आधा हिस्सा टैक्स के तौर पर देना होगा।
ट्रंप ने बताया क्यों यह कदम उठाया
ट्रंप का कहना है कि यह कदम उन्होंने अमेरिकी कारखानों और मजदूरों को बचाने के लिए उठाया है। पिछले शुक्रवार को पेंसिल्वेनिया राज्य में स्टील कर्मचारियों से बात करते हुए उन्होंने दोहराया, "विदेशी कंपनियाँ सस्ता स्टील डंप करके हमारे उद्योग को नुकसान पहुँचा रही हैं। यह टैरिफ हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी है।"
पेपर क्लिप जैसी छोटी चीजें भी महंगी हो जाएंगी
इस फैसले का दूसरा पहलू भी है। जानकार मान रहे हैं कि इससे कार, फ्रिज, इमारतें, डब्बाबंद खाना, यहां तक कि पेपर क्लिप जैसी छोटी चीजें भी महंगी हो जाएंगी। क्योंकि स्टील, अल्युमीनियम तो इन सबके बनने में लगता ही है। अमेरिका में बिकने वाली गाड़ियों के पुर्जे विदेशों से आते हैं, सूप के डब्बे बनाने वाली धातु भी बाहर से आती है। टैरिफ बढ़ेगा तो निर्माता अपना खर्चा आप पर थोपेंगे।
टैरिफ अकेला हल नहीं
स्टील कारखानों के कर्मचारियों के संघ के प्रमुख डेविड मैकॉल ने कहा है, "टैरिफ अकेला हल नहीं है। हमें कनाडा जैसे दोस्त देशों के साथ मिलकर वैश्विक व्यापार के नियम बदलने होंगे।" वहीं अल्युमीनियम उद्योग के प्रतिनिधि मैट मीनन चिंतित हैं, "सिर्फ टैरिफ से अमेरिका में अल्युमीनियम बनाने वाले कारखाने नहीं खुलेंगे। हमें स्थिर नीतियांचाहिए।"
ब्रिटेन को राहत
एक राहत सिर्फ ब्रिटेन के लिए है। उसके साथ हाल ही में हुए व्यापार समझौते के चलते उस पर 25% टैरिफ ही लगेगा। पर अगर ब्रिटेन समझौते का पालन नहीं करता, तो 9 जुलाई से उस पर भी 50% शुल्क लद सकता है।
यूरोपीय यूनियन नाराज
यूरोपीय यूनियन (EU) जैसे बड़े व्यापारी साथी इस फैसले से नाराज हैं। उन्होंने पहले ही चेतावनी दी है, "अगर अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाया, तो हम भी जवाबी कार्रवाई करेंगे।" उन्होंने अपना जवाब देने की तारीख 14 जुलाई तक टाली है, लेकिन कार्रवाई की तैयारी जारी है।
पिछले कुछ महीनों में अमेरिका में स्टील की कीमतें 16% तक बढ़ चुकी हैं। आज अमेरिकी स्टील 984 डॉलर प्रति टन के भाव बिक रहा है, जो चीन या यूरोप के मुकाबले काफी ज्यादा है। विशेषज्ञों का डर है कि यह नया टैरिफ अमेरिकी कंपनियों को और दाम बढ़ाने का मौका दे देगा।
इनपुट: एजेंसी