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संकट से गुजर रही इस कंपनी के शेयर को बेचने की होड़, ₹51 पर आ गया भाव

जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर लगातार क्रैश हो रहे हैं। कंपनी के शेयर आज बुधवार को 2% का लोअर सर्किट लगा और यह शेयर 51.45 रुपये के इंट्रा डे लो पर आ गया था।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानWed, 11 June 2025 11:59 AM
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संकट से गुजर रही इस कंपनी के शेयर को बेचने की होड़, ₹51 पर आ गया भाव

Gensol Engineering Ltd: जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर लगातार क्रैश हो रहे हैं। कंपनी के शेयर आज बुधवार को 2% का लोअर सर्किट लगा और यह शेयर 51.45 रुपये के इंट्रा डे लो पर आ गया था। बता दें कि संकट से गुजर रही कंपनी के शेयर पिछले छह महीने में 94% तक टूट गए हैं। इस दौरान इसकी कीमत 778 रुपये से टूटकर वर्तमान प्राइस तक आ गई। कॉरपोरेट गवर्नेंस की लगातार बढ़ती समस्याओं के कारण 2025 में अब तक जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर की कीमत में 94% की गिरावट आ चुकी है।

क्या है मामला

हाल ही में अहमदाबाद स्थित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने कंपनी, इसके प्रमोटरों और 34 अन्य संबंधित संस्थाओं से जुड़े हर बैंक खाते और लॉकर को फ्रीज कर दिया। रेगुलेटरी का आरोप है कि फंड डायवर्जन, डॉक्टर्ड लेजर और संपत्ति की बिक्री की मल्टी लेवल प्लानिंग को रेगुलर बिजनेस चालों के रूप में छिपाया गया है। शुरुआती जांच में जेनसोल के टॉप अधिकारियों द्वारा “सिरियस मिसकंडक्ट” के संकेत मिलने के बाद कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने NCLT से संपर्क किया। एनसीएलटी ने जहां लिक्विड एसेट को जब्त कर लिया, वहीं दिल्ली में ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने ईंट, मोर्टार और स्टील के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के बेड़े को निशाना बनाया।

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जांचकर्ताओं का कहना है कि जेनसोल की ईवी सहायक कंपनी के लिए मूल रूप से उधार लिए गए 975 करोड़ रुपये की राशि का गबन किया गया हो सकता है। एसएफआईओ, सेबी, आरबीआई, आयकर विभाग और एमसीए जैसी कई एजेंसियां ​​अब इस मामले में एक साथ काम कर रही हैं और इस मामले को "सार्वजनिक हित का मामला" बता रही हैं। इस सारी उथल-पुथल के बाद, अब सभी की निगाहें 3 जून, 2025 पर टिकी हैं, जब मामला नियमित NCLT बेंच में वापस आएगा। तब तक, प्रत्येक प्रतिवादी को दुनिया भर की संपत्तियों का खुलासा करना होगा जिसमें चल, अचल, मूर्त, अमूर्त शामिल हैं। उन संपत्तियों को गिरवी रखने, बेचने या यहां तक कि उपहार में देने का कोई भी प्रयास न्यायालय की अवमानना ​​माना जा सकता है।

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