डिफेंस सेक्टर में अनिल अंबानी की कंपनी ने की बड़ी डील, शेयर खरीदने दौड़े निवेशक
इस डील का मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के लिए सिस्टम वल्केनो 155 मिमी प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन की तत्काल सप्लाई पर फोकस करना है।

Reliance Infrastructure stock: रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर आज बुधवार को फोकस में हैं। कंपनी के शेयरों में आज 1% तक की तेजी देखी गई और यह शेयर 410 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंज गया। शेयरों में इस तेजी के पीछे डिफेंस संबंधित एक डील है। दरअसल, रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी और डाइहल डिफेंस के सीईओ हेल्मुट राउच ने गाइडेड म्यूनिशन/टर्मिनली गाइडेड म्यूनिशन (टीजीएम) पर स्ट्रैटेजिक साझेदारी के डिटेल पर चर्चा की, जो 2019 में हस्ताक्षरित एक सहयोग समझौते पर आधारित है।
क्या है डिटेल
इस डील का मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के लिए "सिस्टम वल्केनो 155 मिमी प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन" की तत्काल सप्लाई पर फोकस करना है। इसके समानांतर, "मेक इन इंडिया-II के तहत सिस्टम वल्केनो 155 मिमी" पहल चल रही है, जिसमें भारतीय ग्राहक के लिए मुख्य ठेकेदार के रूप में रिलायंस डिफेंस और रणनीतिक भागीदार के रूप में डाइहल डिफेंस शामिल है। "मेक इन इंडिया" के तहत कुल स्वदेशी सामग्री 50 प्रतिशत से अधिक होगी। रिलायंस समूह के संस्थापक अध्यक्ष अनिल डी. अंबानी ने कहा, "हमें डाइहल डिफेंस के साथ साझेदारी करने का सम्मान है, जो गाइडेड म्यूनिशन तकनीक में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त अग्रणी है। यह रणनीतिक गठबंधन न केवल भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं की उन्नति को गति देता है, बल्कि रिलायंस डिफेंस को वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित करता है।"
जर्मनी की है कंपनी
बता दें कि डाइहल डिफेंस वायु डिफेंस सिस्टम के लिए एक जर्मन सिस्टम हाउस है। जमीन आधारित वायु रक्षा प्रणालियों के अलावा, उबरलिंगन (जर्मनी) में मुख्यालय वाली इस कंपनी के उत्पाद पोर्टफोलियो में सशस्त्र बलों की सभी शाखाओं के लिए निर्देशित मिसाइलें, सेना, वायु सेना और नौसेना के लिए गोला-बारूद और सुरक्षा प्रणालियां शामिल हैं।