विदेशी छात्रों ने किया उलिहातु का भ्रमण, भगवान बिरसा की धरती को बताया प्रेरणादायक
विश्व के विभिन्न देशों से आए छात्रों ने भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु का दौरा किया। छात्रों ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर नतमस्तक होकर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके जीवन संघर्ष के बारे में जानकारी...

अड़की, प्रतिनिधि। विश्व के विभिन्न देशों से आए छात्रों का एक दल भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु पहुंचा और वहां उनके जीवन, विचारों और आदिवासी जीवनशैली को नजदीक से समझा। छात्रों ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर नतमस्तक होकर गमछा अर्पित किया और पारंपरिक पाहन द्वारा पूजा-अर्चना कर तिलक ग्रहण किया। इस अवसर पर उलिहातु स्थित बिरसा कैम्पस में एक संवाद बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें छात्रों ने बिरसा मुंडा के बारे में अपनी-अपनी जानकारी साझा की। गांव के वयोवृद्ध और बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा ने सभी को भगवान बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष, योगदान और आदिवासी अस्मिता की रक्षा में उनकी भूमिका की विस्तृत जानकारी दी।
महाराष्ट्र से आए छात्र अंकित कुमार ने कहा कि हमने बचपन से ही बिरसा मुंडा के बारे में किताबों और झांकी में देखा है, लेकिन आज उनके गांव में आकर हम धन्य हो गए। उन्होंने बताया कि उलिहातु के लोग अभी भी प्राकृतिक जीवनशैली जैसे पत्तल-दोना में भोजन और लकड़ी के चूल्हे का उपयोग करते हैं। दुबई की छात्रा धड़कन ने कहा कि यहां आकर बिरसा मुंडा के बारे में और अधिक जानने का अवसर मिला। दुबई में भी उनके योगदान की चर्चा होती है। वहीं छात्रा दामिनी ने बताया कि उनके स्कूल में भी बिरसा मुंडा की जीवनी पढ़ाई जाती है और यहां आकर उनका व्यक्तित्व और अधिक प्रेरणादायक प्रतीत हुआ। छात्रों ने इस यात्रा को जीवनभर की प्रेरणा बताया और ग्रामीणों की जीवनशैली से बहुत कुछ सीखने की बात कही।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।