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ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों को कैसे देती हैं झांसा, ये हैं उनके 13 हथकंडे

कंपनियां कई तरीके से ग्राहकों को मजबूर करती हैं। जैसे किसी सामान की कम कीमत दिखाना, पर जब ग्राहक उसे खरीदने आए, तो अन्य खर्चे जोड़कर उसे मंहगी कीमत पर बेचना

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमWed, 4 June 2025 05:58 AM
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ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों को कैसे देती हैं झांसा, ये हैं उनके 13 हथकंडे

केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले वेबसाइट के डार्क पैटर्न के जरिए उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाली करीब एक दर्जन कंपनियों को नोटिस दिया था। इन कंपनियों पर डार्क पैटर्न इस्तेमाल करने का आरोप है। कंपनियां ग्राहकों को गुमराह करने के कई तरीके अपना रखे हैं। आइए देखें…

कम कीमत: किसी सामान की कम कीमत दिखाना, पर जब ग्राहक उसे खरीदने आए, तो अन्य खर्चे जोड़कर उसे मंहगी कीमत पर बेचना।

फाल्स अर्जेंंसी : ग्राहक जो खरीदना चाहे, उसकी उपलब्धता कम बताते हुए मांग ज्यादा बताना

छद्म विज्ञापन : ये ऐसे विज्ञापन होते हैं जो अन्य प्रकार की सामग्री की तरह दिखने के लिए डिजाइन किए जाते हैं ताकि ग्राहक गुमराह हो जाए।

बास्केट स्नीकिंग : शॉपिंग कार्ट में बिना सहमति अतिरिक्त उत्पाद जोड़ना और उपयोगिता बताना।

शर्मिदगी का भाव: शर्मिंदगी की भावना पैदा कर उपभोक्ता को दान देने या उत्पाद खरीदने को कहना।

सास बिलिंग: 30 दिन तक मुफ्त सब्सक्रिप्शन का लालच देकर डेबिट कार्ड आदि का ब्योरा लिया जाता है।

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इंटरफेस हस्तक्षेप : वेबसाइट के डिजाइन में हेरफेर कर कुछ जानकारी को खासतौर पर उभार देना और कई दूसरी अहम जानकारियों को अस्पष्ट करना।

लालच देना: पहले कम दाम पर किसी उत्पाद या सेवा का विज्ञापन करना, लेकिन जब ग्राहक खरीदना चाहे तो स्टॉक न होने की बात कहकर महंगा सामान बेचना।

सब्सक्रिप्शन जाल : किसी सशुल्क सब्सक्रिप्शन को रद्द करने की प्रक्रिया को जटिल और लंबी प्रक्रिया बना देना। सब्सक्रिप्शन रद्द करने के विकल्प को छिपाना आदि।

जबरन कार्रवाई : उत्पाद या सेवा के उपयोग से तब तक रोकना, जब तक वह अपग्रेड वर्जन न ले।

उलझे सवाल : कुछ इस अंदाज में हां या न करने का विकल्प देना जिसमें उपयोगकर्ता को हां करनी पड़ती है।

परेशान करना : उस वक्त तक रुकावट पैदा करना जब तक वह कोई सेवा सब्सक्राइब न कर ले।

मेलवेयर : यह बताता है कि कंप्यूटर में वायरस है और नकली सुरक्षा सॉफ्टवेयर खरीदने को प्रेरित करता है।

सरकार ने फिलहाल सभी कंपनियों को खुद अपनी वेबसाइट से उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले डिजाइन को हटाने के लिए कहा है। कंपनियां दो सप्ताह के भीतर ऐसा करने में विफल रहती हैं, तो उनके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

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