ट्रंप के टैरिफ वार से बचने के लिए भारत के पास एक खास मौका
- Trump Tariff: भारत के पास एक खास मौका है, क्योंकि अमेरिका ने सिर्फ भारत को ही व्यापार समझौते का प्रस्ताव दिया है। भारत या तो सभी सामान से शुल्क हटाने को कहेगा या फिर कपड़े, मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ खास चीजों के लिए राहत मांगेगा।

ट्रंप के टैरिफ वार से बचने के लिए मोदी सरकार ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। अमेरिका द्वारा भारतीय सामान पर 26% शुल्क लगाने के बाद भारत ने अपने निर्यात हितों को बचाने के लिए बातचीत तेज कर दी है। इसके तहत अमेरिका के समक्ष यह प्रस्ताव रखा जाएगा कि जब तक दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता (बीटीए ) पूरा नहीं होता, तब तक बढ़े हुए टैरिफ को स्थगित कर दिया जाए। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। मामले से जुड़े दो आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
भारत के पास एक खास मौका
एक अधिकारी ने कहा कि सरकार अमेरिका के साथ आधिकारिक और अनौपचारिक बातचीत बढ़ाने की तैयारी कर रही है। हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं ताकि अमेरिका के नए टैरिफ से हमारे निर्यात को नुकसान न हो। भारत के पास एक खास मौका है, क्योंकि अमेरिका ने सिर्फ भारत को ही व्यापार समझौते का प्रस्ताव दिया है। योजना के तहत भारत या तो सभी सामान से शुल्क हटाने को कहेगा या फिर कपड़े, मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ खास चीजों के लिए राहत मांगेगा।
अमेरिका को भारत का निर्यात बढ़ा
भारत का अमेरिका को निर्यात हाल के वर्षों में बढ़ा है। 2022 में यह 75.6 अरब डॉलर था, जो 2023 में 78.3 अरब डॉलर हो गया। 2024 में यह थोड़ा कम होकर 77.5 बिलियन डॉलर रहा। लेकिन अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 35.32 अरब डॉलर है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट के अनुसार, नए शुल्क से भारत के 5.76 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ सकता है। सबसे ज्यादा नुकसान रत्न-आभूषण, समुद्री उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो पार्ट्स को हो सकता है।
पहले भी हटे हैं टैरिफ
- 2019 में भारत ने भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ टाले थे, जब बातचीत चल रही थी।
- 2020 में अमेरिका ने चीन के साथ व्यापार समझौते के दौरान टैरिफ हटाए थे
- 2021 में अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भी विवाद सुलझाने के लिए टैरिफ हटाए थे।
भारत-ईयू चरणबद्ध वार्ता की संभावना तलाश रहे
भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) अपने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चरणबद्ध ढंग से बातचीत करने की संभावना तलाश रहे हैं। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारत ने पहले ऑस्ट्रेलिया के साथ भी इसी तरह दो चरणों में व्यापार समझौतों पर बातचीत की थी।
दो चरणों वाली प्रक्रिया के तहत दोनों पक्षों को उन क्षेत्रों की पहचान करने का अवसर मिलता है, जहां आसानी से सहमति बन सकती है। व्यापार से जुड़े जटिल मुद्दों को बाद के चरणों के लिए रख दिया जाता है। दोनों पक्षों ने पिछले महीने ब्रसेल्स में इस प्रस्तावित समझौते के लिए दसवें दौर की वार्ता पूरी की थी।
अगले दौर की बातचीत मई में नई दिल्ली में होने की उम्मीद है। व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दो अप्रैल को उच्च सीमा शुल्क लगाए जाने के बाद भारत और यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।
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