क्या फूट रहा शेयर मार्केट का बुलबुला, डीमैट खोलने की रफ्तार थमी, छोटे निवेशक बंद कर रहे SIP
- शेयर मार्केट से निवेशकों ने अपने पैसे निकालने शुरू कर दिए हैं। इसी वजह से फरवरी महीने में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी एसआईपी बंद कर दी हैं। इतना ही नहीं, नए डीमैट अकाउंट खुलवाने वालों की संख्या भी कम हो गई है।
Stock Market: पिछले कुछ सालों में शेयर बाजार में शानदार कमाई करने वाले खुदरा निवेशक अब चिंता में दिख रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि शेयर बाजार का बुलबुला फूटने लगा है। बाजार में गिरावट और उतार-चढ़ाव के कारण कई निवेशकों ने अपने पैसे निकालने शुरू कर दिए हैं। इसी वजह से फरवरी महीने में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी एसआईपी बंद कर दी हैं। इतना ही नहीं, नए डीमैट अकाउंट खुलवाने वालों की संख्या भी कम हो गई है।
एसआईपी बंद करने वालों की संख्या बढ़ी
फरवरी 2025 में जिन लोगों ने अपनी एसआईपी बंद की है, उनकी संख्या उन लोगों से ज्यादा हो गई है, जो नई एसआईपी शुरू कर रहे हैं। यह दिखाता है कि निवेशक बाजार में और पैसा लगाने से डर रहे हैं। एसआईपी बंद करने का अनुपात 1.23 तक पहुंच गया है, जो पिछले 11 महीनों में सबसे ज्यादा है। इसी दौरान, इक्विटी योजनाओं में निकासी का अनुपात भी जनवरी की तुलना में थोड़ा बढ़ा है।
21 माह बाद सबसे कम डीमैट खाते खुले
इस फरवरी में सिर्फ 23 लाख नए डीमैट अकाउंट खुले। यह पिछले 21 महीनों का सबसे कम आंकड़ा है। जुलाई 2024 से डीमैट खाते खोलने की रफ्तार धीमी हो रही है। जुलाई में यह आंकड़ा 46 लाख के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। जनवरी 2025 में 28 लाख खाते जोड़े गए। बाजार के हालिया उतार-चढ़ाव ने निवेशकों के भरोसे को बुरी तरह से प्रभावित किया है, जिससे नए खाते कम खुल रहे हैं। इसका मतलब है कि नए निवेशक भी अब बाजार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
इक्विटी में निवेश भी घटा
आंकड़े बताते हैं कि बाजार में लगातार चल रही गिरावट से खुदरा निवेशक सतर्क हो गए हैं। फरवरी में उन्होंने इक्विटी शेयरों में 27 फीसदी कम निवेश किया। मार्च में वे शेयर बाजार में बिकवाल बन गए यानी ज्यादा शेयर बेचने लगे। उनके पास मौजूद कुल निवेश भी जनवरी से 13% कम हो गया है। मार्च में इस निवेश में पांच हजार करोड़ रुपये तक की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं मार्केट एनॉलिस्ट
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि खुदरा निवेशक फिलहाल सतर्कता बरत रहे हैं क्योंकि बाजार अस्थिरता और संभावित सुधार के संकेत दे रहा है। एसआईपी और डीमैट खातों के आंकड़े बताते हैं कि निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं और बाजार की स्थिति स्थिर होने का इंतजार कर रहे हैं।
निफ्टी में सबसे लंबी गिरावट
फरवरी में बाजार में भारी बिकवाली हुई, जिससे बाजार मूल्य में 40 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई। बेंचमार्क निफ्टी ने लगभग तीन दशकों में अपनी सबसे लंबी मासिक गिरावट का सामना किया। व्यापक बाजार मार्च 2020 के बाद से गिरावट के अपने सबसे खराब दौर में पहुंच गए। निफ्टी-50 में करीब छह फीसदी की गिरावट आई ,जबकि निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों में क्रमशः 11 फीसदी और 13 फीसदी फिसले।