इस राज्य में महंगी हुई शराब, बनाने वाली कंपनियों के शेयरों के गिरे भाव
यूनाइटेड स्पिरिट्स में 6.39% की गिरावट थी और यह 1507 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा था। यूनाइटेड ब्रेवरीज 0.45 पर्सेंट ऊपर 2075 रुपये पर था। एलाइड ब्लेंडर्स में 1.82 पर्सेंट की गिरावट थी और यह 436.45 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। रेडिको खेतान 1.65 पर्सेंट नीचे 2611 रुपये पर था।

महाराष्ट्र सरकार ने भारत में बनी विदेशी शराब (IMFL) और देशी शराब पर टैक्स (एक्साइज ड्यूटी) बहुत ज्यादा बढ़ा दी है। इस खबर से शराब बनाने वाली कंपनियों के शेयरों की कीमतें तेजी से गिर गईं। सुबह 9:20 बजे तक यूनाइटेड ब्रेवरीज, एलाइड ब्लेंडर्स, रेडिको खेतान और यूनाइटेड स्पिरिट्स जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर 5% तक नीचे आ गए। इन कंपनियों को शेयर बाजार में एक तगड़ा झटका लगा है।
हालांकि, 10 बजे के करीब यूनाइटेड स्पिरिट्स में 6.39% की गिरावट थी और यह 1507 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा था। यूनाइटेड ब्रेवरीज 0.45 पर्सेंट ऊपर 2075 रुपये पर था। एलाइड ब्लेंडर्स में 1.82 पर्सेंट की गिरावट थी और यह 436.45 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। रेडिको खेतान 1.65 पर्सेंट नीचे 2611 रुपये पर था।
कितना बढ़ा टैक्स
IMFL: पहले यह टैक्स शराब बनाने की लागत का 3 गुना था (अधिकतम ₹260 प्रति लीटर)। अब यह बढ़कर 4.5 गुना हो गया है। इसका मतलब है कि बाजार में IMFL की कीमतें 30% से लेकर 50% तक बढ़ सकती हैं। यह 2011 के बाद से सबसे बड़ी टैक्स बढ़ोतरी है।
देसी शराब: इस पर टैक्स पहले ₹180 प्रति लीटर था, अब बढ़कर ₹205 प्रति लीटर हो गया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे उसे हर साल लगभग ₹14,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
बोतलों की MRP भी बढ़ी
देसी शराब (180 ml): पहले ₹70, अब ₹80।
महाराष्ट्र निर्मित शराब (MML): यह एक नई श्रेणी है, इसकी कीमत ₹148 तय हुई है। यह अनाज से बनी शराब होगी और सिर्फ स्थानीय कंपनियां ही इसे बना सकेंगी।
IMFL (180 ml): पहले ₹110-115, अब ₹205।
प्रीमियम विदेशी शराब: पहले ₹210, अब ₹360।
GM ब्रेवरीज के लिए अच्छी खबर
जहां ज्यादातर शराब कंपनियों के शेयर गिरे, वहीं GM ब्रेवरीज के शेयरों में तेजी आई। इसकी दो मुख्य वजहें हैं, पहला सरकार ने बियर पर टैक्स नहीं बढ़ाया है, क्योंकि उसमें हार्ड शराब (ज्यादा अल्कोहल वाली) की तुलना में अल्कोहल कम होता है।
दूसरा, नई 'महाराष्ट्र निर्मित शराब' (MML) श्रेणी की घोषणा से GM ब्रेवरीज को फायदा होने की उम्मीद है, क्योंकि यह एक मुंबई आधारित कंपनी है और वह इस नई श्रेणी में शराब बना सकेगी।
AI से चलने वाला कंट्रोल रूम बनाया
निगरानी बढ़ाना: शराब कारखानों, निर्माताओं और थोक विक्रेताओं पर बेहतर नजर रखने के लिए एक AI से चलने वाला कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
अवैध शराब पर रोक: अवैध शराब की तस्करी और बिक्री रोकने के लिए मुंबई और आसपास के इलाकों में एक नया डिवीजनल कार्यालय और ठाणे, पुणे, नासिक, नागपुर और अहमदनगर में सुपरिंटेंडेंट कार्यालय खोले जाएंगे।