ऑपरेशन सिंदूर के बाद राफेल बनाने वाली कंपनी के शेयर ने भरी थी उड़ान, अब ये है हाल
Rafale Updates: जब भारतीय वायुसेना के राफेल जेट्स ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी सीमा के अंदर 200 किमी तक घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया। उस समय इस खबर से दसॉल्ट के शेयर में जबरदस्त तेजी देखी गई।
जब भारतीय वायुसेना के राफेल जेट्स ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी सीमा के अंदर 200 किमी तक घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया। उस समय इस खबर से दसॉल्ट के शेयर में जबरदस्त तेजी देखी गई। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के माहौल में कंपनी के शेयर 66 फीसदी तक चढ़ गए थे। मगर बाद में यह तेजी ठंडी पड़ गई। पेरिस स्टॉक एक्सचेंज पर बुधवार की सुबह दसॉल्ट एविएशन का शेयर थोड़ा फिसल गया और 326.40 यूरो पर खुलकर मामूली गिरावट दिखाई।
पिछले महीने शेयर में 1.70% की गिरावट आई, लेकिन छह महीने के नजरिए से देखें तो अभी भी 6.70% मुनाफा कायम है। 4 जून को शेयर की कीमत 322.40 यूरो थी, जो अपने सालभर के शिखर (332.20 यूरो) से सिर्फ 3% नीचे है।
एनालिस्ट क्या देख रहे हैं?
लक्ष्मीश्री इन्वेस्टमेंट्स के अन्शुल जैन कहते हैं, "दसॉल्ट का चार्ट अभी 'कप एंड हैंडल' पैटर्न बना रहा है, ये 50 दिनों से चल रहा है। अगर शेयर 324 यूरो के ऊपर जोरदार वॉल्यूम के साथ टूटता है, तो यह बुलिश संकेत होगा। फिर यह 375 यूरो तक पहुंच सकता है।"
मेहता इक्विटीज के रियांक अरोड़ा भी हौसला बढ़ाते हैं, "332 का स्तर पार होने पर खरीदार वापस आ सकते हैं। ऊपर का लक्ष्य 350-360 यूरो है। हालांकि, अगर शेयर 310 यूरो से नीचे गिरा तो 200 यूरो के स्तर तक लुढ़क सकता है।"
क्यों है यह शेयर खास?
राफेल जेट्स के इस निर्माता पर भारतीय निवेशकों की नजर इसलिए भी टिकी है, क्योंकि भारत उसका सबसे बड़ा ग्राहक है। जब भी सीमा पर तनाव बढ़ता है, इस शेयर में हलचल शुरू हो जाती है।
दसॉल्ट एविएशन का सफरना अभी थमा नहीं है। टेक्निकल चार्ट बता रहे हैं कि अगर यह 324 यूरो के गढ़ को तोड़ता है, तो फिर 375 का सफर शुरू हो सकता है।
(डिस्क्लेमर: एक्सपर्ट्स की सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं, लाइव हिन्दुस्तान के नहीं। यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)