Reliance Infra shares surge 11 percent after NCLAT suspends insolvency order defence sec also big news अनिल अंबानी को बड़ी राहत, दिवालिया कार्यवाही पर लगी रोक, 11% चढ़ा शेयर, डिफेंस सेक्टर में भी बढ़ा दबदबा!, Business Hindi News - Hindustan
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अनिल अंबानी को बड़ी राहत, दिवालिया कार्यवाही पर लगी रोक, 11% चढ़ा शेयर, डिफेंस सेक्टर में भी बढ़ा दबदबा!

कंपनी ने बताया कि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश को निलंबित कर दिया है, जिसने कंपनी को दिवाला समाधान प्रक्रिया में स्वीकार कर लिया था।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानWed, 4 June 2025 04:15 PM
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अनिल अंबानी को बड़ी राहत, दिवालिया कार्यवाही पर लगी रोक, 11% चढ़ा शेयर, डिफेंस सेक्टर में भी बढ़ा दबदबा!

Reliance Infra shares: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा लिमिटेड के शेयर आज बुधवार, 4 जून को रॉकेट बन गए। कंपनी के शेयर में 11% तक की तेजी देखी गई। इसी के साथ यह शेयर 380.05 रुपये पर पहुंच गया था। शेयरों में इस तेजी के पीछे एक पॉजिटिव खबर है। दरअसल, कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा पारित आदेश को निलंबित कर दिया है, जिसने कंपनी को दिवाला समाधान प्रक्रिया में स्वीकार कर लिया था। एनसीएलटी ने इस साल 30 मई को यह आदेश पारित किया था।

क्या है डिटेल

बता दें कि रिलायंस इंफ्रा को दिवालिया घोषित करने की याचिका आईडीबीआई ट्रस्टीशिप ने अप्रैल 2022 में दायर की थी, जिसमें 88.68 करोड़ रुपये की चूक और 1.25% प्रति माह ब्याज का आरोप लगाया गया था। यह याचिका धुरसर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2012 में एनर्जी समझौते के अनुसार रिलायंस इंफ्रा को सोलर एनर्जी की आपूर्ति करने के लिए 2017 और 2018 के बीच जारी किए गए 10 चालान के भुगतान में चूक के बाद दायर की गई थी। आईडीबीआई ट्रस्टीशिप ने इन चालान के बदले रिलायंस इंफ्रा से भुगतान मांगा था। रिलायंस इंफ्रा ने बाद में एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसने एनर्जी खरीद समझौते के लिए धुरसर सोलर प्राइवेट लिमिटेड को 92.68 करोड़ रुपये का पूरा भुगतान कर दिया है। कंपनी ने एनसीएलएटी में यह कहते हुए याचिका दायर की थी कि एनसीएलटी का आदेश निष्प्रभावी हो जाता है क्योंकि विवादित राशि का पूरा भुगतान कर दिया गया है।

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डिफेंस सेक्टर में भी कंपनी का बढ़ रहा दबदबा!

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर भारत में प्राइवेट सेक्टर की पहली कंपनी बन गई है जिसने न्यू जेनरेशन के 155 मिमी आर्टिलरी गोला-बारूद के चार प्रकार डिजाइन और विकसित किए हैं। यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। इस गोला-बारूद को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की इकाई आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एआरडीई) के डिजाइन-सह-उत्पादन भागीदार कार्यक्रम के तहत विकसित किया गया है। सभी विकास कार्य पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं।

10,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की उम्मीद

कंपनी को अगले 10 वर्षों में भारतीय रक्षा मंत्रालय (MoD) से 10,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। सेना का गोला-बारूद पर खर्च 2023 में 7,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2032 तक 12,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होने का अनुमान है, ऐसे में रिलायंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा हासिल करने की स्थिति में है।

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