देश की सबसे मूल्यवान कंपनी का शेयर 8 महीने के हाई पर, जानें क्यों आई उछाल
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों में आज अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। दोपहर डेढ़ बजे तक देश की सबसे मूल्यवान कंपनी का शेयर सेंसेक्स पर सबसे ज्यादा चढ़ने वाला शेयर था।

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों में आज अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। दोपहर डेढ़ बजे तक देश की सबसे मूल्यवान कंपनी का शेयर सेंसेक्स पर सबसे ज्यादा चढ़ने वाला शेयर था। ONGC का शेयर भी निफ्टी में सबसे ज्यादा चढ़ा, यह दो प्रतिशत बढ़ा। इसकी मुख्य वजह है कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट। जब कच्चा तेल सस्ता होता है, तो भारत की तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) का मुनाफा बेहतर होने की उम्मीद बढ़ जाती है। इसी उम्मीद से निवेशकों का मनोबल ऊंचा हुआ और शेयरों की खरीदारी बढ़ी।
आठ महीने के हाई पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) का शेयर भी करीब डेढ़ प्रतिशत बढ़ा और 1,461 रुपये पर पहुंच गया। यह कीमत इस शेयर की पिछले आठ महीनों में सबसे ऊंची है। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी का यह शेयर सेंसेक्स पर सबसे ज्यादा चढ़ने वाला शेयर था। ONGC का शेयर भी निफ्टी में सबसे ज्यादा चढ़ा, यह दो प्रतिशत बढ़ा।
ऑयल एंड गैस इंडेक्स उछला
इस तेजी की वजह से निफ्टी का ऑयल एंड गैस इंडेक्स भी दोपहर में करीब 1.75 प्रतिशत ऊपर चढ़ गया। एक और बात, जिसने इन शेयरों को मजबूती दी, वह यह है कि अमेरिकी संस्था ने कहा है कि तेल की कीमतें आने वाले समय में और गिर सकती हैं।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के शेयर लगभग 4 प्रतिशत चढ़ गए। HPCL का शेयर 421 रुपये और BPCL का शेयर 332 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) का शेयर भी ढाई प्रतिशत बढ़कर लगभग 146 रुपये पर पहुंच गया।
ऑयल इंडिया का टार्गेट प्राइस 630 रुपये
ऑयल इंडिया के शेयरों में भी करीब तीन प्रतिशत की बढ़त देखी गई और वे 449 रुपये के स्तर पर पहुंचे। दिलचस्प बात यह है कि तेल कीमतों में गिरावट का असर आमतौर पर इस कंपनी के शेयर पर नकारात्मक होता है, लेकिन शेयरों में यह तेजी शायद इसलिए आई, क्योंकि एवेंडस स्पार्क नामक कंपनी ने इस शेयर पर 'Buy' की सिफारिश की है।
उन्होंने इसका लक्ष्य मूल्य 630 रुपये प्रति शेयर रखा है। इसका मतलब है कि शेयर के पिछले दिन के बंद भाव 437 रुपये से यह करीब 44 प्रतिशत ऊपर जा सकता है।
तेल की कीमतें अप्रैल की शुरुआत से लगातार 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बनी हुई हैं। ऐसा इस डर की वजह से है कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) और उसके साथी देश तेल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं।