Will the rates of petrol and diesel reduce Modi victory and now cheap crude oil raises hopes क्या कम होंगे पेट्रोल-डीजल के रेट? मोदी की जीत और अब सस्ते कच्चे तेल ने जगाई आस, Business Hindi News - Hindustan
Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Will the rates of petrol and diesel reduce Modi victory and now cheap crude oil raises hopes

क्या कम होंगे पेट्रोल-डीजल के रेट? मोदी की जीत और अब सस्ते कच्चे तेल ने जगाई आस

Petrol Diesel Price: तीन राज्यों में जीत, 2024 में जीतने की 'मोदी की गारंटी' और काबू में कच्चा तेल। इन तीन अच्छी खबरों के बावजूद क्या 2024 के चुनाव से पहले पेट्रोल-डीजल के रेट कम होंगे? 

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 11 Dec 2023 06:41 AM
share Share
Follow Us on
क्या कम होंगे पेट्रोल-डीजल के रेट? मोदी की जीत और अब सस्ते कच्चे तेल ने जगाई आस

Petrol Diesel Price Today: तीन राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी शानदार जीत दर्ज कर चुकी है। राजनीतिक पंडित इस बात को लेकर निश्चिंत हैं कि 2024 में मोदी फिर आ रहे हैं। दूसरी ओर क्रूड के रेट भी 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गए हैं। ऐसे में क्या पेट्रोल-डीजल के रेट कम होंगे? अभी की बात करें तो रोजाना की तरह ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आज भी पेट्रोल-डीजल के रेट अपडेट कर दी हैं।

पिछले 574 दिन से इस रेट में कोई संशोधन नहीं हुआ है। जब रूस-युक्रेन युद्ध शुरू हुआ तो कच्चा तेल 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था, उस समय भी दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर था और डीजल के दाम थे 89.62 रुपये प्रति लीटर। आज ब्रेट क्रूड का फरवरी वायदा 76.18 डॉलर प्रति बैरल है। इसके बावजूद पेट्रोल-डीजल के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 

आने वाले दिनों में कम हो सकते हैं दाम:  तेल कंपनियां इस समय कीमतों में एक रुपये प्रति लीटर की कटौती कर सकती हैं और ऐसा करने पर हर कोई तारीफ करेगा। सूत्रों के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दैनिक आधार पर संशोधन तभी शुरू करेंगी, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 80 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से नीचे स्थिर हो जाएंगी। बता दें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के पास संयुक्त रूप से लगभग 90 फीसद बाजार हिस्सेदारी है।

तेल की कीमतों में कटौती का दबाव: ईंधन की कीमतों में कटौती का दबाव इसलिए भी बढ़ चुका है, क्योंकि ऑयल मार्केटिंग कंपनियां जिस नुकसान की बात कर रही थी, उसकी भरपाई हो चुकी है। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते इस कंपनियों को भारी नुकसान हुआ। हालांकि, कीमतों में कमी के कारण इन कंपनियों ने मुनाफा भी कमाया। 

जानें Hindi News, Business News की लेटेस्ट खबरें, शेयर बाजार का लेखा-जोखा Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।