BSUSC : बिहार असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में जांच अटकी, आयोग से नहीं आई प्रमाण पत्रों की सूची
- BSUSC ने सहायक प्रध्यापकों के अनुभव प्रमाणपत्र और दिव्यांगता प्रमाणपत्रों की सूची बीआरएबीयू को नहीं भेजी है। सूची नहीं मिलने के कारण सहायक प्राध्यापकों के प्रमाणपत्रों की जांच शुरू नहीं हो सकी है।

बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने सहायक प्रध्यापकों के अनुभव प्रमाणपत्र और दिव्यांगता प्रमाणपत्रों की सूची बीआरएबीयू को नहीं भेजी है। सूची नहीं मिलने के कारण सहायक प्राध्यापकों के प्रमाणपत्रों की जांच शुरू नहीं हो सकी है। अनुभव और दिव्यांग प्रमाणपत्रों की जांच के लिए बीआरएबीयू में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। सूची नहीं आने के कारण कमेटी कदम नहीं बढ़ा पा रही है। रजिस्ट्रार प्रो. संजय कुमार ने बताया कि होली के बाद आयोग से सूची भेजने के लिए पत्राचार किया जायेगा।
बिहार विवि में पढ़ा रहे कई सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाणपत्र और दिव्यांगता प्रमाणपत्र पर फर्जी होने का संदेह है। मोतिहारी के एक कॉलेज में पढ़ाने वाली शिक्षक पर आरोप है कि उन्होंने मूक बधिर होने का दिव्यांगता प्रमाणपत्र दिया था, लेकिन वह कक्षा में बोल कर पढ़ा रही हैं। शिक्षक का वीडियो भी पढ़ाते हुए वायरल हो चुका है। एक शिक्षक ने कॉमर्स विषय में अनुभव प्रमाणपत्र दिया था, लेकिन उनकी बहाली अर्थशास्त्रत्त् विषय में हुई है। शिक्षक बीआरएबीयू में कॉमर्स विषय में अतिथि शिक्षक भी रह चुके हैं। इनके अलावा कई शिक्षकों ने ऐसे कॉलेजों से अनुभव प्रमाणपत्र दिये हैं, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। सेल्फ फाइनांस कोर्स में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने भी वहां से अनुभव प्रमाणपत्र बनवाकर दिया और विश्वविद्यलाय प्रशासन ने उसे अग्रसारित कर दिया।
ऐसे शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के लिए विवि सेवा आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों को जांच का निर्देश दिया था। इसके काफी दिनों बाद बिहार विवि में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। कमेटी जब ने जांच शुरू की तो आयोग ने कहा कि वह सभी विश्वविद्यलायों को वहां से जारी अनुभव प्रमाणपत्रों की सूची भेजेगा।
कई प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी की आशंका
आयोग की तरफ से सहायक प्राध्यापक के लिए होने वाले इंटरव्यू में अनुभव प्रमाणपत्र के 10 अंक निर्धारित हैं। इसी 10 अंक के लिए अभ्यर्थियों ने प्रमाणपत्र जमा किया है। बिहार विवि के एक संबद्ध कॉलेज ने बिना विषय की पढ़ाई के ही छह लोगों को उस विषय में अनुभव प्रमाणपत्र जारी कर दिया। बिहार विवि के अलावा कई अन्य विश्वविद्यालयों में भी अनुभव और दिव्यांगता प्रमाणपत्र जांच के दायरे में हैं। पटना विवि में एक अभ्यर्थी ने बिना रजिस्ट्रार के साइन के ही अनुभव प्रमाणपत्र विभाग से जारी कराकर आयोग को भेज दिया।