UPSC : फिर चर्चा में यूपी की धाकड़ IAS अफसर सौम्या पांडेय, क्या थी यूपीएससी में रैंक, कहां से की पढ़ाई
IAS Saumya Pandey : यूपी की बेटी आईएएस ऑफिसर सौम्या पांडेय ने LBSNAA में बेस्ट ऑफिसर, बेस्ट प्रेजेंटेशन और सर्वश्रेष्ठ केस स्टडी का अवॉर्ड जीता है

IAS Saumya Pandey : उत्तर प्रदेश ब्यूरोक्रेसी की 2016 बैच की आईएएस अफसर सौम्या पांडेय एक फिर चर्चा में हैं। प्रयागराज की बेटी सौम्या को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक एकेडमी मसूरी ( LBSNAA ) में बेस्ट ऑफिसर के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्होंने बेस्ट प्रेजेंटेशन और सर्वश्रेष्ठ केस स्टडी के पुरस्कारों भी जीते हैं। LBSNAA में हुए 22वें मिड करियर ट्रेनिंग प्रोग्राम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें उनकी शानदार नेतृत्व क्षमता और सार्वजनिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता व प्रशासनिक काबिलियत के लिए बेस्ट ऑफिसर का अवॉर्ड दिया। सौम्या वर्तमान में कानपुर में एडिश्नल लेबर कमिश्नर हैं।
वैसे एलबीएसएनएए में उनकी उत्कृष्टता का रिकॉर्ड पहले से है। उन्होंने इससे पहले स्टेज-I प्रोफेशनल कोर्स के दौरान अपने बैच में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था तथा राजनीति विज्ञान और संवैधानिक अध्ययन में डिस्टिंक्शन हासिल की थी।
पहले भी रह चुकी हैं चर्चा में
ऐसा नहीं है कि आईएएस सौम्या पांडेय अपने शानदार काम से पहली बार सुर्खियों में आई हैं। इससे पहले वह तब चर्चा में आई थीं जब जमीन पर बैठकर एक बुजुर्ग से बात करते हुए उनका एक वीडियो वायरल हो गया था। वह उनकी समस्या को सुनने के लिए वहां पहुंची थी। उन्हें 2020 में बेस्ट कलेक्टर का अवार्ड भी मिला था। इससे पहले वो तब चर्चा में आई थीं जब उन्होंने बेटी को जन्म देने के 22वें दिन ऑफिस ज्वाइन कर लिया था। इसकी खूब चर्चा हुई थी। साल 2020 में जब कोविड के चलते हालात बिगड़ रहे थे तो सौम्या पांडेय ने मैटरनिटी लीव पर रहने की बजाए काम करना चुना। लोगों की परेशानी को दूर करने के लिए हमेशा तत्पर रहने वाली अधिकारी के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई है।
सौम्या अपने शुरुआती दिनों से ही मेधावी रही हैं। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) से बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से करने वाली सौम्या ने सिविल सेवा परीक्षा 2016 में पूरे देश में चौथा स्थान हासिल किया था। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उन्होंने IAS अधिकारी बनने का फैसला किया और इसके लिए तैयारी शुरू कर दी। हालांकि उनके पास तैयारी के लिए केवल 8 से 9 महीने बचे थे। लेकिन उन्होंने जीतोड़ मेहनत की और देश की सबसे कठिन परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की। उनके मेन्स में 911 और इंटरव्यू में 184 अंक थे।
सौम्या ने बीटेक में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था। उन्होंने आर्मी स्कूल में पढ़ाई की, 10वीं कक्षा में 98 प्रतिशत अंक और 12वीं कक्षा में 97.8 प्रतिशत अंक हासिल किए और दोनों कक्षाओं में जिला टॉपर रहीं। उनकी मां डॉ. साधना पांडेय स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और अपना अस्पताल चलाती हैं। पिता डॉ. रवि पांडेय हरिश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (एचआईएमटी) के प्रबंधक हैं।
सौम्या सिर्फ पढ़ाई और प्रशासन में ही नहीं, बल्कि कला और खेल में भी आगे हैं। वे एक क्लासिकल डांसर, बास्केटबॉल खिलाड़ी और एनसीसी सी सर्टिफिकेट होल्डर भी हैं। करियर की अपनी शानदार यात्रा से वह हजारों युवाओं की प्रेरणास्रोत बन गई हैं।