हाथों के बिना ही हासिल की कामयाबी, पायल यादव ने पैरों से लिखकर दसवीं में लाए 100 फीसदी अंक
महज छह साल की उम्र में अपने दोनों हाथ गवां चुकी पायल यादव ने पैरों से लिखकर 10वीं की परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।

छह साल की उम्र में दोनों हाथ गवांने के बाद किसी की जिंदगी थम जाती है, सपने चूर-चूर हो जाते हैं… लेकिन राजस्थान के अलवर जिले की एक बेटी ने ये साबित कर दिया कि जज्बा हो तो शरीर की मजबूरी भी रास्ता नहीं रोक सकती। जी हां, अलवर की पायल यादव अब एक ऐसा नाम जो आज पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गया है।
अलवर के मुंडन कला गांव की रहने वाली पायल यादव ने राजस्थान बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में 100 फीसदी अंक हासिल किए हैं। हैरानी की बात ये है कि उसने यह कमाल अपने हाथों से नहीं बल्कि पैरों से लिखा हुआ हर पेपर देकर किया है। हर विषय में टॉप किया है और पूरे जिले का सिर फख्र से ऊंचा कर दिया है।
छोटी सी उम्र में हादसे का शिकार
जब पायल महज छह साल की थी, तब खेलते हुए एक हाई टेंशन बिजली के तार की चपेट में आ गई थी। करंट इतना जबरदस्त था कि डॉक्टरों को उसकी जान बचाने के लिए दोनों हाथ काटने पड़े। परिवार ने बाद में उसके लिए कृत्रिम हाथ लगवाए, मगर पायल ने दो महीने के अंदर ही उन्हें हटा दिया और पैरों से काम करने की ठान ली।
एक दिन पायल ने अपने घरवालों से कॉपी-कलम मांगी। उस मासूम सी मांग के पीछे एक आसमान छुपा था। पैरों से लिखने की कोशिश शुरू की, और धीरे-धीरे उसकी लिखावट इतनी सुंदर और साफ हो गई कि जिसने भी देखा, दंग रह गया। खाना हो या पढ़ाई, पायल अब हर काम पैरों से ही करती है।
पायल का सपना आईएएस बनने का
दसवीं में शानदार रिजल्ट के बाद जब उससे पूछा गया कि आगे क्या करना चाहती हो, तो बिना झिझक पायल बोली कि वह आईएएस अफसर बनना चाहती है। उसकी ये बात सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गईं और दिल गर्व से भर गया।