37 साल पहले भी अहमदाबाद में हुआ था प्लेन क्रैश, तब 100 से ज्यादा की गई थी जान; दो बच गए थे जिंदा
अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर बड़ा विमान हादसा हुआ। यात्री विमान पर 242 लोग सवार थे। इस हादसे ने 37 साल पहले हुए विमान हादसे की यादें ताजा कर दी। तब हुए हादसे में कुल 137 लोगों की मौत हो गई थी।

अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर बड़ा विमान हादसा हुआ। इस हादसे ने 37 साल पहले हुए विमान हादसे की यादें ताजा कर दी। तब हुए हादसे में कुल 137 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में बोइंग 737-200 खराब दृश्यता के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में विमान नोबल नगर के एक खेत में गिर गया। इस हादसे को भारतीय इतिहास के सबसे घातक विमान दुर्घटना के रूप में देखा जाता है।
बात साल 1988 की है। 19 नवंबर को बोइंग 737-200 विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरने का प्रयास कर रहा था। इस दौरान दृश्यता कम होने के कारण विमान को नीचे उतरने में समस्या हो रही थी। इस दौरान उतरने के प्रयास में प्लेन एयरपोर्ट के पास नोबल नगर के पास एक धान के खेत में गिर गया था। यहां जमीन से टकराने के बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में प्लेन में सवार 135 लोगों में से 133 की मौत हो गई थी। 2 लोग बच गए थे।
दो लोग बचे थे जिंदा
गुरुवार को अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास हुए हादसे में कई लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे ने साल 1988 में हुए हादसे की याद दिला दी। इस साल हुए प्लेन क्रैश के वक्त 135 यात्री सवार थे। हादसे में 133 लोगों की मौत हो गई, जबकि चमत्कारिक रूप से दो लोग जिंदा बच गए थे। इस हादसे में जिनकी जान बची उनमें अशोक अग्रवाल और विनोद त्रिपाठी नाम के शख्स थे। उस साल हुआ हादसा अशोक अग्रवाल के जीवन की सबसे त्रासद घटनाओं में अंकित हो गई। उस साल हुए हादसे में अशोक अग्रवाल की 11 महीने की बेटी भी उनके साथ यात्रा कर रही थीं। हादसे में बेटी की मौत हो गई थी। बेटी की मौत के 32 साल बाद अशोक अग्रवाल अहमदाबाद के एक फ्लैट में मृत मिले थे।
उस साल हुए हादसे में 133 लोगों की जान गई थी। इन मृतकों में क्रू मेंबर भी शामिल थे। हादसे में सभी क्रू मेंबर की मौत हो गई थी। उस हादसे में दो लोग जिंदा बचे, जिसमें विनोद त्रिपाठी लोगों की नजरों से दूर रहे लेकिन अग्रवाल की कहानी मुश्किलों के बावजूद जिंदा रहने की एक मिशाल बन गए थे।
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