Bihar Board 10th Result 2020: बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट बेहतर करने में स्मार्ट क्लास की रही अहम भूमिका
बिहार की उन्नयन योजना (स्मार्ट क्लास) ने बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट को बेहतर करने में मुख्य भूमिका निभाई है। बिहार बोर्ड की मानें तो 2019 की तुलना में 2020 में फेल होने वाले छात्र और छात्राओं की...

बिहार की उन्नयन योजना (स्मार्ट क्लास) ने बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट को बेहतर करने में मुख्य भूमिका निभाई है। बिहार बोर्ड की मानें तो 2019 की तुलना में 2020 में फेल होने वाले छात्र और छात्राओं की संख्या में कमी आयी है। वहीं स्कूल वाइज रिजल्ट भी बेहतर हुआ है। पहले तृतीय श्रेणी में पास करने वाले विद्यार्थी अधिक होते थे। लेकिन, इस बार प्रथम श्रेणी की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है।
ज्ञात हो कि सरकार द्वारा अगस्त से उन्नयन योजना शुरू की गई। इसके तहत स्मार्ट क्लास में पढ़ाई शुरू हुई। विद्यार्थियों को 24 घंटे तक शिक्षकों का साथ मिला। इतना ही नहीं, मैट्रिक परीक्षा के पहले क्रैश कोर्स चलाया गया। परीक्षा के अंतिम समय में तैयारी के टिप्स मिले। क्रैश कोर्स के बीच में मॉक टेस्ट भी हुआ। इससे बच्चों को उनकी कमियों का पता चला। इससे परीक्षा देते समय होने वाली गलतियां कम हुईं। क्रैश कोर्स और मॉक टेस्ट से आत्मविश्वास भी आया। मैट्रिक में फेल विद्यार्थियों की संख्या में इस बार कमी आयी है। 2019 की बात करें तो तीन लाख 20 हजार 813 विद्यार्थी फेल हुए थे।
पटना हाईस्कूल गर्दनीबाग में 313 विद्यार्थी मैट्रिक परीक्षा में शामिल हुए। इनमें पांच विद्यार्थी फेल हुए हैं। प्राचार्य रवि रंजन ने बताया कि इस बार मैट्रिक रिजल्ट में सुधार हुआ है। प्रथम के साथ द्वितीय श्रेणी की संख्या भी बढ़ी है।
इंदर सिंह स्कूल शेरपुर मनेर में इस बार 433 विद्यार्थी मैट्रिक परीक्षा में शामिल हुए थे। पहली बार हुआ, जब 137 प्रथम श्रेणी आये। स्कूल की प्राचार्य रीना कुमारी ने बताया कि स्मार्ट क्लास से इस बार बहुत फायदा हुआ है। बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा है।
नीरज कुमार (डीपीओ, पटना) ने बताया कि इस बार मैट्रिक रिजल्ट में सुधार हुआ है। स्मार्ट क्लास का असर भी रिजल्ट पर दिखा है। जहां पर स्मार्ट क्लास चली, वहां का मैट्रिक का रिजल्ट पहले से बेहतर आया है।