UPTET 2021 : High Court stays on released of up tet certificate ask ncte notification on bed b ed candidates UPTET 2021 : यूपीटीईटी के सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक, कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को लेकर मांगी जानकारी, Career Hindi News - Hindustan
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UPTET 2021 : यूपीटीईटी के सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक, कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को लेकर मांगी जानकारी

UPTET 2021 : हाईकोर्ट ने टीईटी 2021 के प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से जानकारी मांगी है कि बीएड अभ्यर्थियों को लेकर एनसीटीई ने कोई नई अधिसूचना जारी की है या नहीं।

Pankaj Vijay विधि संवाददाता, प्रयागराजSat, 14 May 2022 01:44 PM
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UPTET 2021 : यूपीटीईटी के सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक, कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को लेकर मांगी जानकारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीईटी 2021 के प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से जानकारी मांगी है कि बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक नियुक्त करने के संबंध में एनसीटीई ने कोई नई अधिसूचना जारी की है या नहीं। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने प्रतीक मिश्र व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना में बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्त होने के लिए योग्य माना गया है लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट से यह अधिसूचना रद्द होने के बाद कोई नई अधिसूचना जारी की गई है या नहीं। 

याचिका में टीईटी 2021 के प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। इसके अलावा बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए नियुक्त करने से रोकने की भी मांग की गई है। कहा गया है कि बीएड डिग्रीधारक पूर्व में प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक नियुक्त होने के लिए योग्य नहीं थे। बाद में एनसीटीई ने 28 जून 2018 को अधिसूचना जारी कर कुछ योग्यता हासिल करने के बाद बीएड अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक नियुक्त होने के लिए योग्य करार दिया। इस अधिसूचना को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। 

राजस्थान हाईकोर्ट ने उक्त अधिसूचना को गैरकानूनी करार देते हुए रद्द कर दिया। राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि बीएड डिग्रीधारक कक्षा एक से पांच तक के प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्त होने के योग्य नहीं हैं।
 
राजस्थान हाईकोर्ट ने अधिसूचना को अवैधानिक घोषित करते हुए कहा कि अधिसूचना केंद्र सरकार के शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 23(2 ) के तहत अधिकार का उपयोग कर जारी नहीं की गई है। केंद्र सरकार को एनसीटीई की ओर से निर्धारित योग्यता को शिथिल करने का अधिकार है। याचियों का कहना था कि टीईटी 2021 का परिणाम घोषित किया जा चुका है और अब प्रमाण पत्र जारी किए जाने हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने टीईटी का परिणाम जारी करने से पूर्व राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर विचार नहीं किया। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने स्वीकार किया कि अधिसूचना रद्द की जा चुकी है और यदि एनसीटीई की ओर से कोई नई अधिसूचना जारी की जाएगी तो उस पर विचार किया जाएगा। कोर्ट ने इस मुद्दे पर जानकारी मांगते हुए  मामले पर सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख लगाई है। साथ ही कहा है कि अगली सुनवाई तक कोई भी प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।