इस राज्य में खत्म होगी 5 डे वर्किंग, सरकार के इस प्लान पर सियासी संग्राम शुरू
छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार के पांच दिन के वर्क वीक खत्म करने का संकेत दिया है। इस मुद्दे पर सियासी विवाद और कर्मचारी विरोध तेज हो गया है।

छत्तीसगढ़ में सरकारी दफ्तरों में हफ्ते में पांच दिन काम को खत्म करने की चर्चा ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। बीजेपी सरकार के इस कदम से कर्मचारी भड़के हुए हैं, तो कांग्रेस इसे लेकर सरकार पर निशाना साध रही है। कर्मचारियों ने इसके खिलाफ आंदोलन करने और सड़क पर उतरने की बात कही है। ये पूरा मामला क्या है? आइए समझते हैं।
'दो दिन की छुट्टी' से क्यों खफा है सरकार?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संकेत दिए हैं कि पांच दिन का वर्क वीक खत्म हो सकता है। उनका कहना है कि दो दिन की छुट्टी (शनिवार-रविवार) से प्रशासनिक कामकाज में सुस्ती आ रही है। सीनियर अफसरों का मानना है कि शुक्रवार दोपहर को कर्मचारियों की 'जल्दी निकलने' की आदत और मंगलवार को होने वाली टाइम-लिमिट (टीएल) मीटिंग्स के चलते काम का ढेर लग रहा है। साय का तर्क है कि इससे गवर्नेंस की रफ्तार धीमी पड़ रही है।
कांग्रेस ने कसा तंज
कांग्रेस ने इस कदम को कर्मचारी-विरोधी करार दिया है। पार्टी के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, "अगर सीएम को पांच दिन का वर्क वीक इतना बुरा लगता है, तो केंद्र सरकार से भी इसे खत्म करने को कहें। ये फैसला कर्मचारियों में टकराव पैदा करेगा।" कांग्रेस का दावा है कि 2022 में भूपेश बघेल सरकार ने शुरू की गई इस व्यवस्था से वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर हुआ और कामकाज की गुणवत्ता बढ़ी।
कर्मचारी यूनियन लामबंद
कर्मचारी यूनियनों ने इस प्रस्ताव को गलत बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। एक यूनियन नेता ने तल्ख लहजे में कहा, "मुख्यमंत्री को सलाह देने वाले जरूर कुंठित लोग होंगे। पांच दिन के वर्क वीक ने हमें रिचार्ज होने का मौका दिया और इससे काम भी बेहतर हुआ। कर्मचारियों का कहना है कि बिना चर्चा के फैसला थोपा गया, तो सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
क्या है सरकार का तर्क?
छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के 100 से ज्यादा सक्रिय मामले फिर से सामने आए हैं, जिसने स्वास्थ्य अलर्ट को तेज कर दिया है। ऐसे में प्रशासनिक मशीनरी की चुस्ती पर सवाल उठ रहे हैं। सरकार का दावा है कि दो दिन की छुट्टी और शुक्रवार की जल्दबाजी से जरूरी सेवाओं में देरी हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि प्रशासनिक कामकाज में अड़चनें और सर्विस डिलीवरी में बाधा आ रही है।
क्या है पांच दिन का वर्क वीक?
फरवरी 2022 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पांच दिन का कार्य सप्ताह शुरू किया था। इसके तहत कर्मचारी पांच दिन ज्यादा घंटे काम करते थे, और शनिवार-रविवार को छुट्टी मिलती थी। इसका मकसद था वर्क-लाइफ बैलेंस को बढ़ावा देना और प्रशासनिक दक्षता सुधारना। लेकिन अब बीजेपी सरकार इसे उलटने की तैयारी में है।
यह विवाद तब और गर्माएगा, जब सरकार कोई अंतिम फैसला लेगी। कर्मचारी यूनियनों की नाराजगी और कांग्रेस की सियासी बयानबाजी से बीजेपी के लिए ये फैसला आसान नहीं होगा। दूसरी ओर, कोविड के बढ़ते मामलों के बीच प्रशासनिक सुस्ती का हवाला देकर सरकार अपने रुख पर अड़ी रह सकती है। फिलहाल, छत्तीसगढ़ का वर्क वीक सियासी जंग का मैदान बन चुका है।
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