2 leaders of India and Pakistan decided to stop the conflict donald Trump did not take credit for the first time भारत-पाकिस्तान के 2 नेताओं ने संघर्ष रोकने का फैसला लिया, ट्रंप ने पहली बार नहीं लिया क्रेडिट, India News in Hindi - Hindustan
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भारत-पाकिस्तान के 2 नेताओं ने संघर्ष रोकने का फैसला लिया, ट्रंप ने पहली बार नहीं लिया क्रेडिट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर कहा कि भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा था कि सैन्य कार्रवाई को रोकने पर चर्चा भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे तौर पर दोनों देशों की सेनाओं के मौजूदा संवाद चैनलों के माध्यम से हुई थी और इसकी पहल पाकिस्तान की ओर से की गई थी।

Nisarg Dixit भाषाThu, 19 June 2025 10:44 AM
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भारत-पाकिस्तान के 2 नेताओं ने संघर्ष रोकने का फैसला लिया, ट्रंप ने पहली बार नहीं लिया क्रेडिट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के दो 'बहुत चतुर' नेताओं ने एक ऐसा युद्ध जारी न रखने का 'निर्णय' लिया जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था। पिछले कुछ हफ्तों में यह पहली बार है जब ट्रंप ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच संघर्ष रोकने के लिए खुद श्रेय नहीं लिया है।

ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की दोपहर के भोजन पर मेजबानी करने के बाद ओवल कार्यालय में मीडिया से बातचीत में ये टिप्पणियां कीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह मुनीर से मुलाकात कर 'सम्मानित' महसूस कर रहे हैं।

यह पूछने पर कि क्या मुनीर के साथ हुई बैठक में ईरान पर चर्चा की गई, ट्रंप ने कहा, 'खैर, वे ईरान को बहुत अच्छी तरह, ज्यादातर लोगों से बेहतर जानते हैं और वे किसी भी चीज से खुश नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि इजराइल के साथ उनके खराब रिश्ते हैं। वे असल में दोनों को जानते हैं लेकिन शायद वे ईरान को बेहतर जानते हैं लेकिन वे देख रहे हैं कि क्या चल रहा है और उन्होंने मुझसे सहमति जतायी है।'

ट्रंप ने कहा, 'मैं उन्हें यहां इसलिए बुलाना चाहता था कि मैं युद्ध न करने, संघर्ष खत्म करने के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। जैसा कि आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुछ समय पहले यहां से गए हैं और हम भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं इसलिए भी मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। हम पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।'

गौरतलब है कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कनाडा के कनैनिस्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात करने का कार्यक्रम था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष के कारण समय से पहले वाशिंगटन लौटना पड़ा, जिसके कारण उनकी मोदी से मुलाकात नहीं हो पायी। हालांकि, दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की।

ट्रंप ने कहा, 'वे दोनों (मोदी और मुनीर) यहां थे लेकिन कुछ सप्ताह पहले मैं मोदी के साथ था। मैं बहुत खुश हूं कि दो बहुत चतुर लोगों ने युद्ध आगे न बढ़ाने का फैसला किया। यह परमाणु युद्ध हो सकता था। वे दो परमाणु संपन्न देश, बहुत बड़ी परमाणु शक्तियां हैं और उन्होंने यह फैसला लिया।' पिछले कुछ हफ्तों में यह पहली बार है जब ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रोकने का श्रेय नहीं लिया है।

भारत और पाकिस्तान के 10 मई को सैन्य संघर्ष रोकने का फैसला लेने के बाद से ट्रंप कई मौकों पर यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव 'रोकने में मदद की' और उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न दक्षिण एशियाई देशों से कहा था कि अगर वे संघर्ष रोकते हैं तो अमेरिका उनके साथ 'बहुत व्यापार' करेगा। मोदी ने कनैनिस्किस से रवाना होने से पहले ट्रंप से 35 मिनट तक फोन पर बातचीत की थी।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कनैनिस्किस से एक वीडियो संदेश में कहा था कि मोदी ने ट्रंप को बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका द्वारा मध्यस्थता के किसी प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं हुई थी।

पीएम मोदी ने क्या कहा था

मोदी ने कहा कि सैन्य कार्रवाई को रोकने पर चर्चा भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे तौर पर दोनों देशों की सेनाओं के मौजूदा संवाद चैनलों के माध्यम से हुई थी और इसकी पहल पाकिस्तान की ओर से की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ तौर पर कहा कि भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा और इस मामले पर भारत में पूरी तरह से राजनीतिक सर्वसम्मति है।

मिसरी ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद ट्रंप ने मोदी को फोन कर संवेदनाएं व्यक्त की थीं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनका समर्थन किया था। कनैनिस्किस में मंगलवार को फोन पर हुई बातचीत अप्रैल के बाद से दोनों नेताओं के बीच 'पहली बातचीत' है। मिसरी ने बताया कि ट्रंप ने प्रधानमंत्री की बातों को ध्यान से सुना और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति अपना समर्थन जताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को छद्म युद्ध के रूप में नहीं, बल्कि एक युद्ध के ही रूप में देखता है और भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भी जारी है।

यूएस जाने से किया मना

ट्रंप ने मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आ सकते हैं लेकिन प्रधानमंत्री को साइप्रस में शुरू अपनी तीन देशों के यात्रा के आखिरी चरण के तहत क्रोएशिया जाना था। मिसरी ने कहा कि पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने वाशिंगटन आने में असमर्थता जतायी और दोनों नेताओं ने निकट भविष्य में मुलाकात करने का प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की।

इससे पहले, ट्रंप ने मोदी को 'शानदार व्यक्ति' बताते हुए कहा कि उन्होंने उनसे चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता होगा। साथ ही उन्होंने अपना यह दावा भी दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा, 'मैंने युद्ध रुकवाया है... मैं पाकिस्तान को पसंद करता हूं। मुझे लगता है कि मोदी एक शानदार इंसान हैं। मैंने कल रात उनसे बात की। हम भारत के साथ व्यापार समझौता करने जा रहे हैं, लेकिन मैंने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध रुकवा दिया है।'

आसिम मुनीर से मिलकर क्या मिला? ट्रंप ने क्या जवाब दिया

ट्रंप से पूछा गया कि पाकिस्तानी जनरल मुनीर के साथ बैठक से वह कूटनीतिक रूप से क्या हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं। इस पर ट्रंप ने मुनीर का जिक्र करते हुए कहा, 'पाकिस्तान की ओर से इसे (युद्ध) रोकने में इस व्यक्ति का बहुत प्रभाव था।'

उन्होंने कहा, 'भारत की ओर से मोदी और अन्य लोग थे। उनके बीच टकराव की जबरदस्त स्थिति थी और वे दोनों ही परमाणु संपन्न देश हैं। मैंने इसे रुकवाया। मुझे नहीं लगता कि मैं कोई कहानी सुना रहा था। क्या मैंने कोई कहानी लिखी थी... मैंने दो बड़े देशों, बड़े परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध को रुकवाया।' उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं।

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के करीब दो सप्ताह बाद पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इन हमलों के कारण चार दिन तक सैन्य संघर्ष हुआ, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुआ।

दिल्ली में भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बनी। उन्होंने कहा कि इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था।

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