हेनरिक क्लासेन ने 33 साल की उम्र में ही क्यों लिया संन्यास? नहीं थे खुश; अफ्रीका क्रिकेट की खोल दी पोल
हेनरिक क्लासेन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के पीछे की असली वजह बताई है। उन्होंने कहा कि वह 2027 तक खेलना चाहते थे लेकिन बोर्ड और उनके बीच टी20 लीग में हिस्सा लेने को लेकर सहमति नहीं बनी।

दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटर हेनरिक क्लासेन ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया। उनके रिटायरमेंट की खबर से क्रिकेट जगत सन्न रह गया। हेनरिक ने संन्यास का ऐलान करने के कुछ दिन बाद 33 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की वजह बताई है। हेनरिक ने बताया कि वह अंतरराष्ट्रीय ड्यूटी के साथ-साथ वह प्रमुख टी-20 लीगों में हिस्सा लेना चाहते थे लेकिन क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता नहीं हो पाया और कोचिंग में बदलाव ने भी उनको ये कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
रैपॉर्ट रिपोर्ट के मुताबिक हेनरिक क्लासेन ने शुरुआत में साउथ अफ्रीका के लिए 2027 क्रिकेट विश्व कप तक खेलने का प्लान बनाया था। लेकिन रोब वाल्टर के कोच पद से हटने और सफेद गेंद टीम के लिए कोच शुकरी कोनराड की नियुक्ति से क्लासेन के करियर प्लान में अनिश्चितता पैदा हो गई। 2023 से वनडे में दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने के बावजूद उन्हें अप्रैल में सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर रखा गया था।
हेनरिक क्लासेन ने कहा, ''मैंने काफी समय तक महसूस किया कि मुझे अपने प्रदर्शन से कुछ खास फर्क नहीं पड़ता, चाहे टीम जीते या हारे। ऐसी जगह रहना गलत है। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले रॉब के साथ मेरी लंबी बातचीत हुई थी, और मैंने उनसे कहा कि जो कुछ हो रहा है, उसके बारे में मैं दिल से अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूं। मैं इसका उतना आनंद नहीं ले रहा हूं। हमने अच्छी तरह से बात की, हमने 2027 में होने वाले विश्व कप तक सब कुछ अच्छी तरह से प्लान किया।''
उन्होंने आगे कहा, ''इसलिए जब उन्होंने कोच के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त कर लिया और सीएसए के साथ अनुबंध वार्ता योजना के अनुसार नहीं हुई, तो इससे मेरा निर्णय बहुत आसान हो गया।"
क्लासेन ने आज सोशल मीडिया मंच पर अपने संन्यास की घोषणा की। क्लासेन ने पिछले वर्ष टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। अब उन्होंने वनडे और टी-20 से भी संन्यास ले लिया है। उन्होंने वर्ष 2018 में दक्षिण अफ्रीका के लिए क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए चार टेस्ट, 60 वनडे और 58 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले। उन्होंने चार टेस्ट में 104 रन, 60 वनडे में 2141 रन और 58 टी-20 में एक हजार रन बनाए।