जीत के लिए 5 गेंदों में चाहिए थे 28 रन और फिर रिंकू सिंह का चमत्कार, लगातार 5 सिक्स का वो अद्भुत किस्सा
ठीक दो साल पहले 9 अप्रैल 2023 को क्रिकेट के आसमान में रिंकू सिंह एक धूमकेतु की तरह चमके। उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ आखिरी ओवर में लगातार 5 छक्के लगाकर कोलकाता की झोली में नामुमकिन सी दिखने वाली जीत डाल दी थी।

कुछ तारीख ऐसी होती हैं जो अमर हो जाती हैं। आईपीएल के इतिहास में 9 अप्रैल का दिन ऐसी ही तारीख थी जब एक गुमनाम सा खिलाड़ी क्रिकेट के आसमान में सितारा बनकर छा गया। आखिरी ओवर में लगातार 5 छक्के जड़कर असंभव सी दिखने वाली जीत को मुमकिन बना दिया था। अबतक आप समझ गए होंगे कि हम बात कर रहे हैं रिंकू सिंह की। 9 अप्रैल 2023 को गुजरात टाइटंस के खिलाफ कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से खेलते हुए उन्होंने ये करिश्मा किया था।
अहमदाबाद में हुए उस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए गुजरात की टीम ने साई सुदर्शन के 53, विजय शंकर के 63 और शुभमन गिल के 39 रनों की पारियों की बदौलत 204 रन बनाए थे। जवाब में कोलकाता की शुरुआत खराब रही। चौथे ओवर में ही 28 के स्कोर पर उसके 2 विकेट गिर गए। यहां से कैप्टन नीतीश राणा और इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर उतरे वेंकटेश अय्यर ने पारी को संभाला। दोनों के बीच 100 रनों की साझेदारी हुई। राणा ने 45 रन बनाए। उनके आउट होने के बाद स्कोर बोर्ड पर सिर्फ 26 रन और जुड़े थे कि 154 रन के कुल स्कोर पर वेंकटेश अय्यर भी 83 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद तो विकेटों के पतझड़ ने कोलकाता के लिए जैसे जीत के सारे दरवाजे बंद कर दिया।
1 रन के अंतराल पर 3 विकेट खोने से संकट में थी कोलकाता
154 पर चौथा विकेट गिरने के बाद स्कोर में सिर्फ एक रन ही जुड़ा था कि 3 और विकेट गिर चुके थे। इसके बाद रिंकू सिंह ने जो किया वो इतिहास बन गया।
19 ओवर की समाप्ति पर कोलकाता का स्कोर 7 विकेट पर 176 रन था। जीत के लिए आखिरी 6 गेंदों में 29 रन की जरूरत थी। गुजरात की तरफ से यश दयाल आखिरी ओवर लेकर आए। रिंकू सिंह 16 गेंद में 18 रन बनाकर नॉन स्ट्राइक एंड पर थे और और स्ट्राइक थी उमेश यादव के पास जो 5 गेंदों में 4 रन बना चुके थे। दयाल की पहली गेंद पर यादव ने एक रन लेकर स्ट्राइक रिंकू सिंह को दे दी।
आखिरी 5 गेंद में जीत के लिए चाहिए थे 28 रन
अब कोलकाता को आखिरी 5 गेंदों में जीत के लिए चाहिए थे 28 रन। इसका मतलब था कि जीतने के लिए कम से कम 4 छक्के और एक चौके की दरकार थी। हर कोई मानकर चल रहा था कि अब तो बस औपचारिकता बाकी है, गुजरात तो जीतेगी ही क्योंकि कोई चमत्कार ही कोलकाता को जिता पाएगा। तब कम से कम एक शख्स ऐसा था जिसे अब भी भरोसा था कोलकाता की जीत का। वो शख्स कोई और नहीं रिंकू सिंह थे।
6,6,6,6,6...और रिंकू सिंह ने कर दिया चमत्कार
यश दयाल आखिरी ओवर की दूसरी गेंद लेकर आए और रिंकू सिंह ने उसे सिक्स में तब्दील कर दिया। तीसरी गेंद, फिर सिक्स। चौथी गेंद का भी वही अंजाम। पांचवीं गेंद भी सिक्स। यश दयाल हक्के बक्के थे। गुजरात टाइटंस के खिलाड़ियों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। आखिरी गेंद पर कोलकाता को जीत के लिए 4 रन की जरूरत थी। रिंकू सिंह ने आखिरी गेंद पर भी छक्का जड़ दिया। लगातार पांचवां छक्का। कोलकाता की टीम जश्न में डूब गई। रिंकू सिंह ने गुजरात टाइटंस के जबड़े से जीत छीन ली थी। उन्होंने 21 गेंदों में 48 रनों की कभी न भूलने वाली नाबाद पारी खेली थी। वो ऐसा मैच था जिसे यश दयाल कभी याद करना नहीं चाहेंगे। वैसे, क्रिकेटप्रेमियों को वो मैच और रिंकू सिंह की वो चमत्कारिक पारी हमेशा याद रहेगी।
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