इंग्लैंड में 39 सालों में सिर्फ द्रविड़ को मिली ये कामयाबी, गिल कैसे उठाएंगे 'पहाड़ जैसा बोझ'?
शुभमन गिल की अगुवाई वाली भारतीय टीम शुक्रवार से इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। नए टेस्ट कप्तान गिल पर उम्मीदों का 'पहाड़ जैसा बोझ' होगा।

भारत और इंग्लैंड के बीच शुक्रवार (20 जून) से पांच मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू हो रही है। भारत और इंग्लैंड अपने नए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) चक्र की शुरुआत करेंगे। सीरीज का पहला मुकाबला लीड्स में होगा। इंग्लैंड में भारत की कमान स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल संभालेंगे। नए टेस्ट कप्तान गिल पर उम्मीदों का 'पहाड़ जैसा बोझ' होगा। दरअसल, इंग्लैंड में इंग्लैंड टीम को हराना किसी भी मेहमान टीम के लिए हमेशा टेढ़ी खीर रहा है। भारत का यहां रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। भारत ने इंग्लैंड में केवल 9 टेस्ट मैच जीते हैं। वहीं, टीम इंडिया को इंग्लैंड की सरजमीं पर महज तीन बार ही टेस्ट सीरीज जीतना नसीब हुआ है।
39 सालों में सिर्फ द्रविड़ को ये कामयाबी
भारत ने इंग्लैंड में पिछले 39 सालों में केवल एक बार ही टेस्ट सीरीज जीती है। भारत ने आखिरी बार यह कामयाबी राहुल द्रविड़ की कप्तानी में 2007 में हासिल की थी। भारत ने तब इंग्लैंड दौरे पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 1-0 से अपने नाम की। भारत ने नॉटिंघम में खेले गए दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड को 7 विकेट से धूल चटाई थी। सीरीज का पहला और तीसरा मुकाबला ड्रा रहा, जो क्रमश: लॉर्ड्स और ओवल में आयोजित हुए। 2007 से पहले भारत ने 1986 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज पर कब्जा जमाया था। उस वक्त भारत की बागडोर विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव के हाथों में थी। भारत ने तीन मैचों की सीरीज 2-0 से जीती थी। सीरीज का अंतिम मैच ड्रॉ पर छूटा था।
इंग्लैंड में वाडेकर ने दिलाई पहली जीत
भारत और इंग्लैंड के दरम्यान 1932 से टेस्ट मुकाबले खेले जा रहे हैं। हालांकि, भारत को इंग्लैंड में पहली टेस्ट जीत नसीब 1971 में हुई थी। भारत ने इंग्लैंड में जीत का खाता अजीत वाडेकर की कप्तानी में खोला था। वाडेकर ने ना सिर्फ भारत को टेस्ट जिताया बल्कि इंग्लैंड में पहली सीरीज भी जिताई। भारत ने तीन मैचों की सीरीज 1-0 से अपने नाम की। पहला और दूसरा मैच ड्रॉ रहने के बाद भारत ने इंग्लैंड को तीसरे टेस्ट में चार विकेट से मात दी थी। बता दें कि भारत ने इंग्लैंड में आखिरी टेस्ट सीरीज 2021-22 में खेली। यह पांच मैचों की सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही थी। तब विराट कोहली ने चार मैचों में अगुवाई की जबकि पांचवें टेस्ट में बुमराह ने नेतृत्व किया।