छक्का मारते समय ऋषभ पंत से क्यों छूट जाता है बल्ला? खुद किया ट्रेडमार्क शॉट पर दिलचस्प खुलासा
- एक हाथ से छक्का लगाना ऋषभ पंत का ट्रेडमार्क शॉट है। हालांकि, ऐसा करते में अक्सर बल्ला उनके हाथ से छूट जाता है। पंत ने अपने ट्रेडमार्क शॉट पर दिलचस्प खुलासा है।

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीतने के बाद भारतीय खिलाड़ी अब आईपीएल 2025 में दमखम दिखाते हुए नजर आएंगे। आईपीएल का 18वां सीजन 22 मार्च से शुरू होने जा रहा है। भारत के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) की कप्तानी करेंगे। पंत चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे लेकिन उन्हें टूर्नामेंट में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। पंत को अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है और उनका ट्रेडमार्क शॉट एक हाथ से छक्का लगाना है। हालांकि, ऐसा करने में अक्सर बल्ला उनके हाथ से छूट जाता है।
छक्का मारते समय पंत के हाथ से बल्ला क्यों छूट जाता है? विकेटकीपर ने खुद ट्रेडमार्क शॉट पर दिलचस्प खुलासा किया है। पंत ने जियो हॉटस्टार से कहा, ''मुझे लगता है कि अक्सर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेरे निचले हाथ की ग्रिप ढीली होती है। मैं अपने निचले हाथ का उपयोग केवल थोड़ा मदद के लिए करता हूं लेकिन कभी-कभी यह हावी हो जाता है। इसलिए मैं अपने ऊपरी हाथ की ग्रिप को कसकर रखता हूं।’’ पंत ने कहा, ‘‘जब गेंद बहुत अधिक बाहर या शॉर्ट पिच हो तो शॉट लगाना आसान नहीं होता है। इस तरह के शॉट खेलने में सफलता की दर 30 या 40 प्रतिशत हो सकती है लेकिन मैच की परिस्थितियों को देखते हुए मैं यह जोखिम लेने के लिए तैयार रहता हूं। मेरी मानसिकता इसी तरह की है।''
वहीं, पंत का मानना है कि आईपीएल के प्रति आकर्षण स्वाभाविक है लेकिन युवा क्रिकेटरों को देश का प्रतिनिधित्व करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि उसके बाद चीजें स्वयं ही अनुकूल होती जाएंगी। उन्होंने कहा, ''बचपन से मेरा एक ही सपना था, भारत की तरफ से खेलना। मैंने कभी आईपीएल में खेलने के बारे में नहीं सोचा। मुझे लगता है कि लोग आज आईपीएल पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। निश्चित तौर पर यह बहुत बड़ा मंच है लेकिन मेरा मानना है कि अगर आपका लक्ष्य देश की तरफ से खेलना है तो चीजें अनुकूल होती जाएंगी और इनमें आईपीएल भी शामिल है।’’ इस 27 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘यदि आप इस तरह की बड़ी सोच रखते हैं तो सफलता आपका अनुसरण करेगी। मैं हमेशा सोचता था कि मुझे एक दिन भारत की तरफ से खेलना है और ईश्वर के आशीर्वाद से मुझे 18 साल की उम्र में यह मौका मिला और मैं इसके लिए आभारी हूं।''
27 वर्षीय विकेटकीपर ने कहा कि वह बचपन में जिमनास्टिक से जुड़े हुए थे, जिसका एक क्रिकेटर के रूप में उन्हें फायदा मिला। उन्होंने कहा, ''मैं बचपन में जिमनास्टिक करता था। मेरे जिमनास्टिक कोच हमेशा मुझसे कहते थे कि यह जीवन में बहुत काम आएगा। भारतीय टीम के हमारे ट्रेनर बासु सर ने एक बार मुझसे कहा था कि अपने जिम्नास्टिक कोच को धन्यवाद देना क्योंकि उन्होंने बचपन में जो कुछ भी आपको सिखाया था उसका आज भी आपको फायदा मिल रहा है।’’ पंत ने कहा, ‘‘मैं हैंड स्प्रिंग्स का अभ्यास करता रहा और इसने निश्चित रूप से मेरी फिटनेस में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।''