विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से इसलिए रिटायरमेंट लिया, क्योंकि...टीम इंडिया के पूर्व कोच का बड़ा दावा
ग्रेग चैपल का मानना है कि विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला उनके कौशल में गिरावट की वजह से नहीं, बल्कि पिछले कुछ वर्षों में खेल के कारण उन पर पड़े असर की वजह से है।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और 2005 से 2007 तक भारतीय टीम के हेड कोच रहे ग्रेग चैपल ने एक बड़ा दावा विराट कोहली के टेस्ट रिटायरमेंट को लेकर किया है। ग्रेग चैपल का मानना है कि विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला उनके कौशल में गिरावट की वजह से नहीं, बल्कि पिछले कुछ वर्षों में खेल के कारण उन पर पड़े असर की वजह से है।
इस पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने कहा कि कोहली ने उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक मानसिक स्पष्टता की कमी के कारण संन्यास लिया है। चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के लिए अपने कॉलम में लिखा, ‘‘उनका फैसला कौशल में कमी की वजह से नहीं, बल्कि इस बढ़ते एहसास की वजह से था कि अब वह उस मानसिक स्पष्टता को हासिल नहीं कर सकते, जिसने उन्हें इतना मजबूत बनाया था।’’
इस पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा, ‘‘उन्होंने स्वीकार किया कि उच्चतम स्तर पर जब तक दिमाग तेज और निर्णायक नहीं हो तब शरीर लड़खड़ाता है।’’ कोहली ने पिछले महीने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने 123 टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 30 शतकों की मदद से 9,230 रन बनाए। उनका औसत टेस्ट क्रिकेट में 46.85 का रहा। एक समय उनका औसत टेस्ट में 50 से ज्यादा का था। खराब फॉर्म के कारण ये गिरता चला गया।
पूर्व भारतीय कोच ने कहा कि संदेह किसी खिलाड़ी के खेल में घुसने का तरीका ढूंढ लेता है जो धीरे-धीरे निर्णय लेने, फुटवर्क और शीर्ष स्तर के प्रदर्शन के लिए आवश्यक सहजता को प्रभावित करता है। चैपल लिखते हैं, ‘‘जब संदेह आपके अंदर बसने लगता है तो यह निर्णय लेने में बाधा डालता है, फुटवर्क को खराब करता है और शीर्ष प्रदर्शन के लिए आवश्यक सहजता को नष्ट कर देता है। कोहली का संन्यास इस बात की याद दिलाता है कि फॉर्म दिमाग का खेल अधिक है।’’