जब दो दिन में भी पूरा नहीं हो पाया फाइनल, भारत को शेयर करनी पड़ी चैंपियंस ट्रॉफी
- चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाला है। इसके साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी के कुछ पुराने मुकाबले भी याद आ रहे हैं। ऐसा ही एक मुकाबला साल 2002 में देखने को मिला था।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाला है। इसके साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी के कुछ पुराने मुकाबले भी याद आ रहे हैं। ऐसा ही एक मुकाबला साल 2002 में देखने को मिला था। साल 2002 का फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच हुआ था। हालांकि इसे विडंबना ही कहेंगे कि दो दिन तक मैच चलने के बावजूद परिणाम नहीं निकल पाया था। आखिर में श्रीलंका और भारत को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था। इस तरह दो बार लगातार फाइनल में पहुंचने के बावजूद भारत विजेता नहीं बन पाया था। गौरतलब है कि इससे पहले साल 2000 में भी भारत चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा था। तब न्यूजीलैंड की टीम ने उसे हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी।
पहले दिन बारिश का खेल
साल 2002 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल 29 और 30 सितंबर को कोलंबो में खेला गया था। 29 सितंबर को श्रीलंका ने पांच विकेट पर 244 रन बनाए थे। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम का स्कोर जब बिना किसी के विकेट के 14 रन था तभी बारिश आ गई। इसके बाद आगे का खेल हो ही नहीं पाया। उस वक्त दिनेश मोंगिया एक रन और वीरेंद्र सहवाग 13 रन बनाकर खेल रहे थे।
रिजर्व डे पर भी नहीं हुआ पूरा
रिजर्व डे पर 30 सितंबर को मैच नए सिरे से शुरू हुआ। श्रीलंका ने पहले टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी। हालांकि भारत ने अच्छी गेंदबाजी से श्रीलंका के बल्लेबाजों को कंट्रोल करके रखा। हालांकि महेला जयवर्धने ने अकेले दम पर संघर्ष किया। महेला के 77 रनों की बदौलत श्रीलंका की टीम 50 ओवरों में 222 का स्कोर खड़ा करने में सफल रहा।
बन गए संयुक्त विजेता
लग रहा था कि भारतीय टीम आसानी से इस स्कोर को चेज कर लेगी और चैंपियन बन जाएगी। लेकिन किस्मत को शायद यह मंजूर नहीं था। पहले तो भारत की शुरुआत ही खराब हो गई। ओपनर दिनेश मोंगिया शून्य रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद सचिन और वीरेंद्र सहवाग ने अच्छी बैटिंग शुरू की। लेकिन नौवें ओवर में बारिश एक बार फिर से आ धमकी। इस बार बरसात इस कदर हुई कि दोबारा खेल शुरू ही नहीं हो पाया। ऐसे में दोनों देशों को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया गया।