'जाओ, पिता की तरह ऑटो चलाओ', मोहम्मद सिराज ने बताया कैसे ट्रोल मारा करते थे ताना
मोहम्मद सिराज ने अपने एक इंटरव्यू में याद किया कि कैसे जब कभी उनका कोई मैच खराब होता था तो उन्हें कुछ लोग ताना मारा करते थे। कहते थे कि जाओ अपने पिता की तरह ऑटो रिक्शा चलाओ। सिराज ने कहा कि उनके पिता का काम उनके लिए अपमान नहीं बल्कि उनकी ताकत है।

भारत के प्रमुख तेज गेंदबाजों में शुमार मोहम्मद सिराज के दिवंगत पिता कभी ऑटो रिक्शा चलाते थे। हैदराबाद के एक निम्न मध्यम वर्ग परिवार से तालुल्क रखने वाले सिराज अपने खेल की बदौलत नई पहचान बनाई। तमाम मौकों पर देश का मान बढ़ाया। आज दौलत है। शोहरत है। नाम है। पहचान है। सब कुछ है। लेकिन जड़ों से जुड़ाव बरकरार है। मोहम्मद सिराज ने एक इंटरव्यू में अपने दिवंगत पिता को गर्व से याद किया जो एक ऑटो ड्राइवर थे और जिन्होंने सुनिश्चित किया कि आर्थिक चुनौतियों की वजह से बेटे का सपना न बिखरे। तेज गेंदबाज ने यह भी याद किया कि कैसे कभी जब उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता था तो ट्रोल उन्हें यह कहकर ताना मारते थे, 'जाओ, पिता की तरह ऑटो चलाओ।'
'किसने सोचा होगा कि एक ऑटो ड्राइवर का बेटा भारत के लिए खेलेगा'
न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिराज ने कहा, 'मैं भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलने के लिए हर दिन शुक्रगुजार रहता हूं। किसने सोचा होगा कि एक ऑटो ड्राइवर का बेटा भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलेगा? हर बार जब कोई बच्चा आता है और कहता है कि वह भी भारत के लिए खेलेगा तो मैं गर्व से मुस्कुराता हूं। लेकिन ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने अपमान किया। जब भी मेरा कोई मैच खराब रहता था तो वो कहते थे, 'जाओ, अपने पिता की तरह ऑटो चलाओ।''
मोहम्मद सिराज इंग्लैंड के खिलाफ तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के लिए भारतीय दल का हिस्सा हैं। ट्रॉफी के तहत अंग्रेज टीम भारत के साथ 5 टेस्ट मैच की सीरीज की मेजबानी करेगी।
'मेरे पिता का काम मेरी ताकत थी, मुझे मेहनत का असली मतलब समझाया'
सिराज ने कहा कि उनके पिता का काम अपमानजनक नहीं था, बल्कि उनकी ताकत थी। उन्होंने कहा, 'लेकिन मेरे पिता का काम अपमान नहीं, बल्कि मेरी ताकत है। उन्होंने मुझे सिखाया कि कड़ी मेहनत का असली मतलब क्या है- अपना सिर नीचे रखकर चलते रहना, कौन क्या कहता है, उससे कोई मतलब नहीं। उन दिनों दिनभर लंबे समय तक प्रैक्टिस करने के बाद घर लौटने ने मुझे भूख सिखाया। जब-जब लोगों ने मुझे नजरअंदाज किया, मैंने कड़ी मेहनत की। अब मैं सालों की कोशिशों के बाद भारत का प्रतिनिधित्व करता हूं।'