Dia Mirza opened up about her life threatening pregnancy at 39 दीया मिर्जा बोलीं- मेरे बेटे का वजन सिर्फ 810 ग्राम था, अभी उसे पैदा हुए 36 घंटे ही हुए थे और…, Bollywood Hindi News - Hindustan
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दीया मिर्जा बोलीं- मेरे बेटे का वजन सिर्फ 810 ग्राम था, अभी उसे पैदा हुए 36 घंटे ही हुए थे और…

Dia Mirza: दीया मिर्जा 39 साल की थीं जब वह प्रेग्नेंट हुई थीं। पांच महीने के बाद उन्हें एपेंडिक्स सर्जरी करवानी पड़ी और उसके बाद कॉम्प्लिकेशन्स बढ़ते चले गए।

Vartika Tolani लाइव हिन्दुस्तानMon, 2 June 2025 08:22 PM
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दीया मिर्जा बोलीं- मेरे बेटे का वजन सिर्फ 810 ग्राम था, अभी उसे पैदा हुए 36 घंटे ही हुए थे और…

एक्ट्रेस दीया मिर्जा ने चौंका देने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनकी प्रेग्नेंसी बहुत कॉम्प्लिकेटेड थी। उन्होंने हाल ही में दिए इंटरव्यू में बताया कि जब अव्यान उनके पेट में था तब उनकी एपेंडिक्स सर्जरी हुई थी। इस सर्जरी की वजह से उन्हें बैक्टीरियल इंफेक्शन हो गया था। छठे महीने के अंत तक आते-आते उनकी प्लेसेंटा से ब्लीडिंग शुरू हो गई थी और उनकी बॉडी सेप्सिस में चली गई थी।

“अगर समय पर डिलीवरी न होती तो हम दोनों नहीं बचते”

पीपल ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में दीया ने कहा, “जब डॉक्टर ने बताया कि मेरी बॉडी सेप्सिस में जा रही है, मैंने अपनी गायनक से विनती की कि मेरे बच्चे को बचा लो। मेरा बेटा पैदा होते ही NICU में चला गया और मैं IV एंटीबायोटिक्स पर थी।”

बेटे की सर्जरी

दिया ने आगे कहा, “डिलीवरी के 48 घंटे बाद डॉक्टर्स को पता चला कि मेरी बॉडी में जो बैक्टीरिया हैं वो जानलेवा हैं। ऐसे में डॉक्टर्स ने मेरा इलाज शुरू किया और 21 दिनों तक मुंझे एंटीबायोटिक्स दिए। दूसरी तरफ, मेरे बेटे का वजन सिर्फ 810 ग्राम था और उसकी आंत में एक छेद था। अभी मेरे बेटे को इस दुनिया में आए 36 घंटे ही हुए थे और डॉक्टर्स को उसकी सर्जरी करनी पड़ी। उन्होंने उसकी आंत को बाहर निकाला और उसे एक एक्सपोज्ड स्टोमा बना दिया। वो COVID का समय था, मुझे हफ्ते में सिर्फ दो बार उसे देखने की इज्जात मिली थी। मैं उसे तब तक छू नहीं पाई थी जब तक उसका वजन 2.5 किलो नहीं हो गया था।”

“घर लाई तो कोई नर्स छूने को तैयार नहीं थी”

दीया ने बताया, “मैं 20 दिनों के लिए अपने बेटे को घर लाई थी। पता है तब कोई भी नर्स उसे छूने को तैयार नहीं थी, वो दिन बहुत डरावने थे। जब उसका वजन 3.5 किलो हुआ तब डॉक्टर्स ने उसकी दूसरी सर्जरी की और स्टोमा हटाया। मुझे ये सारी बातें अव्यान को बतानी है, उसे जानना चाहिए कि उसने कितनी बहादुरी से इस जीवन की शुरुआत की थी इसलिए मैं इस पर बुक लिखने वाली हूं।”

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