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जानिए आखिर क्यों मीना कुमारी को अपना खूबसूरत बंगला मुमताज को देना पड़ा, सालों बाद सामने आया सच

बॉलीवुड एक्ट्रेस मुमताज ने हाल में दिए एक इंटरव्यू में गुजरे जमाने की मीना कुमारी के बंगले से जुड़ा सच दुनिया के सामने रखा है। एक्ट्रेस ने बताया कि क्यों मीना कुमारी को अपना कीमती बंगला बेचना पड़ा था।

Usha Shrivas लाइव हिन्दुस्तानSat, 31 May 2025 04:38 PM
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जानिए आखिर क्यों मीना कुमारी को अपना खूबसूरत बंगला मुमताज को देना पड़ा, सालों बाद सामने आया सच

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे शानदार एक्ट्रेस मानी जाने वाली मीना कुमारी का आखिरी वक्त बुरा गुजरा। किसी जमाने की टॉप एक्ट्रेस को अपने आखिरी के दिनों में अपना बंगला बेचना पड़ा था। उस समय ऐसी खबरें थीं कि एक्ट्रेस का दिवालिया होने की वजह से उन्हें अपना सबसे कीमती बंगला जो उन्होंने अपने हाथों से सजाया है वो पैसों की तंगी की वजह से दूसरी एक्ट्रेस मुमताज को बेचना पड़ा था। लेकिन अब सालों बाद मुमताज ने खुद मीना कुमारी के बंगले की सच्चाई से पर्दा उठाया है।

बीमारी की वजह से शूटिंग में देरी

1972 में प्रोड्यूसर सावन कुमार टाक अपनी सबसे अच्छी दोस्त में एक मीना कुमारी के साथ फिल्म बना रहे थे ‘गोमती के किनारे’। इस फिल्म में मुमताज भी थीं। लेकिन मीना कुमारी की बार-बार तबीयत बिगड़ने की वजह से फिल्म की शूटिंग में देरी हो रही थी। यही कारण था कि एक्ट्रेस के अच्छे दोस्त और प्रोड्यूसर के पैसे खत्म हो गए। ऐसे में मीना कुमारी मदद के लिए सामने आई और अपने जमा पैसे दे कर प्रोड्यूसर की मदद की। उसी दौरान ये खबरें भी सामने आई कि मीना कुमारी का दिवालिया हो गया है। इसी वजह से उन्हें अपना बंगला मुमताज को बेचना पड़ा। लेकिन अब खुद मुमताज ने सच बताया।

मुमताज बे बताई बंगले की सच्चाई

मुमताज ने रेडियो नशा को दिए एक इंटरव्यू में फिल्म ‘गोमती के किनारे’ और बंगले से जुड़ा सच बताया। उन्होंने कहा, "उन दिनों मैं हर फिल्म के लिए 7.5 लाख रुपए लेती थी। मैं सबसे ज्यादा पैसे लेने वाली एक्ट्रेस थी। मुझे अभी तक लगभग 5 लाख रुपए देने थे। इसी दौरान, एक बार बहुत बीमार मीना कुमारी ने मुझसे पूछा, 'मुमताज़, क्या तुम्हें बुरा लगेगा अगर मैं तुम्हें तुम्हारे बकाया पैसे के बदले अपना बंगला दे दूं?' पहले तो मैं झिझकी, क्योंकि यह घर उन्होंने खुद के लिए बनवाया था, लेकिन वह कहती रही कि वह अपनी बीमारी के कारण ज्यादा दिन नहीं जी पाएंगी। आखिरकार मैंने यह घर ले लिया।" मुमताज के मुताबिक उन्होंने अपने प्रोड्यूसर दोस्त सावन कुमार टाक की मदद के लिए अपना बंगला फीस के रूप में दिया था। उनका दिवालिया नहीं हुआ था।

मीना कुमारी की आखिरी सांस

मीना कुमारी को अपनी मौत का आभास हो गया था। इसलिए फिल्म की रिलीज से पहले ही मार्च 1972 में उन्होंने आखिरी सांस ली। फिल्म ‘गोमती के किनारे’ नवंबर 1972 में रिलीज हुई।

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